एनपी न्यूज़ डेस्क | Navpravah.com
आज बुंदेलखंड के जालौन से आईं मैला ढोने वाली सैकड़ों महिलाओं ने उत्तर प्रदेश के लखनऊ में विधानसभा सभा के बाहर आज प्रदर्शन किया। दलित अधिकार और स्वाभिमान मार्च के बैनर तले बुलाए गए इस प्रदर्शन का मकसद महिलाओं को इस कुप्रथा से मुक्ति दिलाना है।
दलित अधिकार मंच के नेतृत्व में सैकड़ों महिलाओं ने लखनऊ में प्रर्दशन किया। उन्होंने मुख्यमंत्री से मैला ढोने की प्रथा से मुक्ति दिलाने की मांग की, उन्होंने कहा कि 2013 में मैला ढोने की प्रथा को बैन कर दिया गया था, इसके बावजूद बुंदेलखंड में ये प्रथा जारी है।
बुंदेलखंड दलित अधिकार मंच के संयोजक कुलदीप बौद्ध ने एक निजी चैनल से बात करते हुए बताया कि हमारी मांग है महिलाओं को मैला ढोने से रोका जाए और उनके लिए स्थाई आवास, रोजगार की व्यवस्था की जाए और साथ ही उन्हें पांच एकड़ जमीन दी जाए।
यहां जमा महिलाएं अपने सिर पर मैला ढोने वाली टोकरी लेकर आईं थीं। उनके साथ एक बड़ा सा बैनर भी था, जिस पर लिखा था कि आखिर कब हमें मैला ढोने से मुक्ति मिलेगी। ज्ञातव्य है कि मैला ढोने को एक सामाजिक बुराई माना जाता है।