पारुल पाण्डेय | Navpravah.com
दंगल अभिनेत्री जायरा वसीम से छेड़छाड़ मामले में एक नया मोड़ सामने आया है। आरोपी विकास सचदेवा के वकील हरमिंदर आनंद ने अपने मुवक्किल पर पॉस्को की धाराएं गलत तरीके से लगाने का दावा किया है।
आरोपी विकास सचदेवा के सपोर्ट में एक सहयात्री ने अपना बयान पुलिस को देते हुए कहा है कि मैं भी उसी क्लास में बैठा था, जिसमें एक्टर जायरा वसीम और आरोपी सचदेवा सफर कर रहे थे। मुझे नहीं लगता है कि आरोपी ने आर्मरेस्ट पर अपना पैर रखने के अलावा कुछ भी गलत किया था। उन्होंने कहा कि मैंने देखा कि जैसे ही विमान दिल्ली से उड़ान भरी, सचदेवा अपनी सीट पर बैठने के बाद सो गया, उसकी गलती ये थी कि उसने आर्मरेस्ट पर पांव रखा था, जो कि गलत है। इसके अलावा मैंने उसे कोई गलत व्यवहार करते हुए नहीं देखा। जब जायरा आरोपी के बर्ताव पर गुस्सा करके चिल्लाई, तो सचदेवा ने उनसे माफ़ी भी मांगी और फ्लाईट लैंड होने तक मामला निपट भी चुका था।
बता दें कि अदालत में पॉस्को के तहत लगे इस सेक्सुअल अज़ाल्ट पर जमकर बहस हुई। वहीं, वकील हरमिंदर आनंद ने दावा किया कि यदि एक सोता हुआ शख्स आर्मरेस्ट पर पैर रखता है, तो ये सेक्सुअल अज़ाल्ट नहीं है। उन्होंने तर्क दिया कि पॉस्को एक्ट की धारा-7 में सेक्सुअल अज़ाल्ट यानि आरोपी द्वारा पीड़ित के निजी अंगों को छूना, जबकि इस मामले में ऐसा नहीं हुआ है, आरोपी ने केवल गर्दन और कंधों को गलती से छुआ है, जो आरोपी की यौन मानसिकता को नहीं दर्शाता और न ही इसका जिक्र एफ़आईआर में हुआ है।
इस मामले में जम्मू-कश्मीर के निजी चैनल की एंकर जागृति शुक्ला ने नवप्रवाह डॉट कॉम से हुई बातचीत में स्पष्ट किया कि अगर आपको कोई छेड़ता है, तो सबसे पहले आप उसका विरोध करते हैं, न कि आप उस घटना की फोटो खींचने की कोशिश करते हैं। इस पूरे मामले में जागृति ने यह भी कहा कि यही नहीं, ज़ायरा यात्रा समाप्त करती हैं और उसके बाद सीधे सोशल साईट पर लाइव होकर अपना दर्द बयान करने लगती हैं। यह आश्चर्यचकित कर देने वाली बात है कि उन्होंने हवाई जहाज़ में तथाकथित कृत्य की शिकायत केबिन क्रू से नहीं की। इन सबसे यह सिद्ध हो जाता है कि यह पूरी तरह से पब्लिसिटी स्टंट था।
जागृति ने इसी मसले पर बात करते हुए सोनम कपूर के जवाब को भी लपेटा। उन्होंने कहा कि अभिव्यक्ति की आज़ादी सबको है, लेकिन वह वाजिब होना चाहिए। सोनम कपूर मेरे वक्तव्य से इत्तेफाक नहीं रखती हैं, तो उन्हें मेरी बातों का विरोध करने के साथ इतनी क्षमता भी रखनी चाहिए कि वे मेरे जवाब को सुन सकें, जबकि उन्होंने अपनी बात रखने के बाद मुझे तुरंत ब्लाक कर दिया। जागृति ने कहा कि दरअसल इंडस्ट्री के लोग मेरी बातों का जवाब नहीं देते और लॉबिंग शुरू कर देते हैं।