राजेश सोनी | Navpravah.com
केंद्र सरकार अब दागी विधायकों और सांसदों पर चल रहे आपराधिक मामलों का निबटारा करने के लिए ठोस कदम उठाने जा रही है। इसके लिए मोदी सरकार 12 विशेष अदालतें बनाने जा रही है, जो कि जल्द से जल्द सांसदों और विधायकों पर चल रहे आपराधिक मामलों का फैसला करेगी।
बता दें कि इन 12 विशेष अदालतों में करीब 1571 आपराधिक मामलों पर सुनवाई होगी। यह सब मामले 2014 तक सभी नेताओं के द्वारा दायर हलफनामे के आधार पर हैं। सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार इन विशेष अदालतों को इन मामलों का निबटारा 1 साल के अंदर करना है। कानून मंत्री रवि शंकर प्रसाद के हलफनामे में इस बात की पुष्टि हुई है।
पहले सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग से इन आपराधिक सांसद और विधायकों के खिलाफ आजीवन प्रतिबंद की मांग की थी, बाद में केंद्र सरकार ने इस मांग को खारिज करते हुए 6 साल के लिए बैन को लागू रखने को कहा था।
सरकार से सुप्रीम कोर्ट ने गुजरात चुनाव से ठीक पहले इन दागी विधायकों और सांसदों के खिलाफ स्पेशल कोर्ट स्थापित करने का प्लान पेश करने को कहा था। बता दें कि हाल ही में एडीआर ने 4856 विधायकों और सांसदों के हलफनामे का अध्ययन किया था, जिसमें एडीआर ने दागी नेताओं को लेकर कई खुलासे किए थे।
अध्ययन के अनुसार
ऐसे 51 विधायक हैं, जिन्होंने महिलाओं के खिलाफ अपराध कबूला है, जिसमें 3 सांसद और 48 विधायक हैं।
334 ऐसे विधायक हैं, जिनका महिलाओं के खिलाफ मुकदमा दर्ज है, लेकिन उनको कई राष्ट्रीय और क्षेत्रीयों पार्टी से टिकट मिला था। इस रिपोर्ट के अनुसार, महाराष्ट्र में सबसे ज्यादा दागी जनप्रतिनिधि हैं, वहीं दूसरे नंबर पर ओडिशा और पश्चिम बंगाल है।