सौम्या केसरवानी । Navpravah.com
पद्मावती का विवाद खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है। इसी क्रम में केंद्रीय मंत्री बाबुल सुप्रियो ने पद्मावती विवाद पर अपनी राय व्यक्त की है। उन्होंने कहा कि देश में रचनात्मक स्वतंत्रता है, पद्मावती को लेकर जो विवाद हो रहा है, वह नहीं होना चाहिए।
केंद्रीय मंत्री बाबुल ने कहा कि, जो कुछ भी हुआ दुखद है, सेंसर बोर्ड इस मामले को देख रहा है। केवल बातचीत के जरिये ही इस मुद्दे को हल किया जाना चाहिए, एक चैनल को दिए साक्षात्कार में बाबुल सुप्रियो ने कहा कि पद्मावती एक बहुत बड़ी फिल्म है, कई लोग फिल्म को देखना चाहते हैं, कई लोग जिन्होंने फिल्म नहीं देखी है वे सवाल उठा रहे हैं। मुझे लगता है केवल बातचीत के जरिये ही इसे निपटाया जाना चाहिए।
दीपिका और अन्य अभिनेताओं को धमकियां दी जा रही हैं, क्या ये सही है? इसके जवाब में बाबुल सुप्रियो ने कहा कि यह ठीक नहीं है, दीपिका तो केवल एक कलाकार है जो पर्दे पर चरित्र निभाती है, उसने वही किया जो उससे कहा गया, धमकियां निंदनीय है और कोई भी इससे सहमत नहीं होगा।
सर्वोच्च न्यायालय ने गुरुवार को कहा कि वह संजय लीला भंसाली के निर्देशन में बनी फिल्म ‘पद्मावती’ के देश से बाहर रिलीज पर रोक लगाने संबंधी याचिका की सुनवाई 28 नवंबर को करेगा, प्रधान न्यायाधीश न्यायमूर्ति दीपक मिश्रा, न्यायमूर्ति एएम खानविलकर और न्यायमूर्ति डीवाई चंद्रचूड़ की पीठ ने एक याचिकाकर्ता द्वारा फिल्म को विदेश में रिलीज नहीं करने देने की याचिका पर सुनवाई करने का फैसला किया है।
उधर, फिल्मकार नीरज घेवन का कहना है कि उन्हें खुद को एक ऐसे देश का नागरिक कहने में शर्मिंदगी महसूस हो रही है जहां लोग राष्ट्रीय टेलीविजन पर कलाकारों को धमकी देने के बाद खुले आम घूमते हैं। यह दुखद स्थिति है, जिसका हम सामना कर रहे हैं।