अमित द्विवेदी,
रिजर्व बैंक के मौजूदा गर्वनर रघुराम राजन के दूसरे कार्यकाल को लेकर अब भी आशंका बनी हुई है। यह तय नहीं हो पाया है कि उनका कार्यकाल बढ़ाया जाएगा या नहीं। इस उतार चढ़ाव के बीच खबरें आ रही हैं कि राजन स्वयं अपने कार्यकाल का विस्तार नहीं चाहते हैं।
राजन का कार्यकाल बढ़ाने की चर्चा के बीच राजन एक बार कह भी चुके हैं कि उनसे उनकी राय पूछी जाए कि वे क्या चाहते हैं। ख़बरों के मुताबिक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और वित्त मंत्री अरुण जेटली रघुराम राजन का सेवा विस्तार चाहते हैं, परंतु खुद राजन ऐसा नहीं चाहते।
इकोनॉमिक टाइम्स के अनुसार रघुराम राजन के करीबी सूत्रों के मुताबिक राजन ने केंद्र सरकार से कहा है कि कार्यकाल पूरा होने के बाद वे अमेरिका वापस जाना चाहते हैं और फिर से अमेरिका की कोई यूनिवर्सिटी ज्वाइन कर, वहां से इंडियन इकोनॉमी पर रिसर्च करना चाहते हैं।
उल्लेखनीय है कि रघुराम राजन के समर्थन में कई जाने-माने उद्योगपति आए थे। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा था कि उनके ऊपर निजी हमले नहीं होने चाहिए। रघुराम राजन के कार्यकाल की सबसे बड़ी उपलब्धि महंगाई दर में कमी और रुपए का डॉलर के मुकाबले एक हद तक मजबूती को बरकरार रखना है।
पूर्व वित्तमंत्री व वरिष्ठ कांग्रेस नेता पी चिदंबरम राजन का बचाव करते हुए कह चुके हैं कि यूपीए सरकार ने सबसे प्रतिभाशाली अर्थशास्त्रियों में से एक को गवर्नर बनाया था।
गौरतलब है कि रघुराम राजन के दूसरे कार्यकाल को लेकर भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने सवाल उठाए थे। स्वामी ने कहा था राजन दिमागी रूप से अमेरिकी हैं। उन्होंने कहा था कि रघुराम राजन ने एमएनसी कंपनियों को फायदा पहुंचाया है उनकी नीतियों से कृषि और लघु उद्योग बुरी तरह से प्रभावित हुए हैं। उनके द्वारा तय की गयी नीतियों से नौकरियों की संख्या में कमी आयी है। वाणिज्य मंत्री निर्मला सीतारमण भी एक से अधिक बार राजन की आलोचना कर चुकी हैं।