एनपी न्यूज़ नेटवर्क | Navpravah.com
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई बैठक में बैंकरप्सी कानून को और सख्त कर दिया गया है। इस बैठक में बैंकरप्सी कानून में बदलाव के ऑर्डिनैंस के मंजूरी दे दी गई है। इस अध्यादेश को संसद के शीतकालीन सत्र में लोकसभा और राज्यसभा दोनों जगह पेश किया जाएगा। अध्यादेश के लागू होने के बाद दिवालिया कंपनियों के प्रमोटर्स की मुश्किल बढ़ जाएगी।
अध्यादेश लागू होने के बाद ऐसे प्रमोटर्स किसी भी कंपनी में दोबारा अपनी हिस्सेदारी नहीं दर्ज करवा पाएंगे। इस अध्यादेश के बाद सरकारी बैंकों को फायदा होने की उम्मीद लगाई जा रही है। साथ ही बैंकरप्सी की प्रक्रिया से गुज़र रही कम्पनियों को इस कानून से बड़ा नुकसान होता नज़र आ रहा है।
कैबिनेट के द्वारा 15 वित्त आयोग के गठन को भी मंजूरी दे दी गई है। भारत के वित्त मंत्री अरुण जेटली ने बैठक के बाद बताया कि ये आयोग अप्रैल 2020 से लेकर 2025 तक लागू होगा। इस बैठक में लेदर सेक्टर को राहत देने की बात की जा रही थी, पर लेदर सेक्टर को राहत का देने का कोई फैसला नहीं हुआ है। कानून में हुए बदलाव के चलते भारत में कई बड़ी लेदर कंपनियों के शेयरों में 2 फीसदी की गिरावट भी आ गई है।