भारत व जापान के बीच हुआ ऐतिहासिक असैन्य परमाणु करार पर हस्ताक्षर, तकनीकी और वित्तीय क्षेत्रों में भी होंगे साथ

Vientiane: Prime Minister Narendra Modi with his Japanese counterpart Shinzo Abe during a bilateral meeting at 28th and 29th ASEAN Summit in Vientiane, Laos on Wednesday. PTI Photo by Vijay Verma (PTI9_7_2016_000187B)

ब्यूरो,

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जापान यात्रा के दौरान आज भारत और जापान ने ऐतिहासिक असैन्य परमाणु करार पर हस्ताक्षर किए। इसके साथ ही दोनों देशों ने करीब 10 अन्य करारों पर भी हस्ताक्षर किए हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनके जापानी समकक्ष शिंजो आबे के बीच हुई वार्ता के बाद दोनों देशों ने इस ऐतिहासिक करार पर औपचारिक मुहर लगाई।

परमाणु ऊर्जा बाजार में जापान एक प्रमुख देश है। उसके साथ करार होने से अमेरिका स्थित परमाणु संयंत्रों के निर्माताओं ‘वेस्टिंग्सहाउस इलेक्ट्रिक कॉरपोरेशन’ और ‘जीई एनर्जी इंक’ के लिए भारत में परमाणु संयंत्र लगाना आसान हो जाएगा, क्योंकि इन दोनों कंपनियों का जापान में निवेश है। इसके साथ ही परमाणु आपूर्तिकता समूह की सदस्यता की कोशिश में भी भारत को बल मिला है।

दरअसल पिछले साल दिसंबर में आबे की भारत यात्रा के समय ही दोनों देशों ने असैन्य परमाणु ऊर्जा क्षेत्र में सहयोग को लेकर सहमति जताई थी। हालांकि, कुछ मुद्दों पर स्थिति स्पष्ट नहीं होने की स्थिति में करार को औपचारिक मंजूरी नहीं मिल पाई थी। आपको बता दें कि जापान ने द्वितीय विश्वयुद्ध के बाद पहली बार किसी गैर एनपीटी देश के साथ इस तरह का रणनीति करार किया है।

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरूप ने शुक्रवार को ट्वीट किया, “स्वच्छ और हरित विश्व के लिए एक ऐतिहासिक करार। प्रधानमंत्री मोदी और प्रधानमंत्री आबे ऐतिहासिक असैन्य परमाणु समझौते के आदान प्रदान के गवाह बने। इस करार से जापान भारत में परमाणु तकनीक का निर्यात कर सकेगा। इसके साथ ही भारत जापान के साथ ऐसा करार करने वाला पहला ऐसा देश बन गया है, जिसने एनपीटी संधि पर हस्ताक्षर नहीं किए हैं। यह करार द्विपक्षीय आर्थिक और सुरक्षा संबंधों को भी मजबूती प्रदान करेगा।”

गौरतलब है कि भारत ने सबसे पहले द्विपक्षीय असैन्य परमाणु करार अमेरिका के साथ किया था। इसके अलावा रूस, दक्षिण कोरिया, मंगोलिया,फ्रांस, नामिबिया, अर्जेंटीना, कनाडा, कजाखस्तान तथा ऑस्ट्रेलिया के साथ भी भारत ने असैन्य परमाणु करार किए हैं।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने टोक्यो में संयुक्त संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि जापान और भारत के बीच समझौते से इस क्षेत्र में शांति और स्थायित्व आएगी। मोदी ने जापानी पीएम को NSG में भारत की सदस्यता के समर्थन के लिए भी धन्यवाद दिया। पीएम मोदी ने भारत-जापान के बीच हुए सिविल न्यूक्लियर समझौते को ऐतिहासिक बताते हुए कहा कि यह दोनों देशों के बीच मजबूती को दर्शाता है। मोदी ने कहा कि दोनों देश आपसी फायदे के लिए तकनीक, वित्तीय क्षेत्र में एक दूसरे की विशेषज्ञता का लाभ उठाएंगे।

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