नासा ने की दुर्लभ ‘ब्राउन ड्वार्फ’ की खोज

शिखा पाण्डेय

अमेरिकी स्पेस रीसर्च एजेंसी नासा ने एक नयी खोज की है। नासा की अंतरिक्ष दूरबीनों, स्पिट्जर और स्विफ्ट ने बिलकुल अलग तालमेल बिठाते हुए एक ‘ब्राउन ड्वार्फ’ नामक आकाशीय पिंड का पता लगाया है। यह पिंड ग्रह से बड़ा लेकिन तारे से छोटा है। इसे अब तक ग्रहों और तारों के बीच की लापता कड़ी माना जा रहा है।

कैसे हुई खोज

शोधकर्ताओं ने माइक्रोलेंसिंग इवेंट का, अर्थात एक ऐसी घटना का निरीक्षण किया, जिसके तहत एक सुदूर तारा अग्रभाग में स्थित कम से कम एक अंतरिक्षीय पिंड के गुरूत्व क्षेत्र के कारण चमकने लगता है। यह तकनीक तारों के चारों ओर घूमने वाले कम द्रव्यमान वाले पिंडों (जैसे ग्रह) का पता लगाने में उपयोगी है। इस मामले में निरीक्षणों ने इस ब्राउन ड्वार्फ का पता लगाया है। ‘ब्राउन ड्वार्फ’ का वजन बृहस्पति के वजन से लगभग 80 गुना है।

वैज्ञानिकों ने पाया है कि लगभग हमारे सूर्य के जितने द्रव्यमान वाले तारों में से 1 फीसद से भी कम के पास एक ब्राउन ड्वॉर्फ है। इनका ग्रह पथ 3 एयू होता है। (1 एयू पृथ्वी और सूर्य के बीच की दूरी है।) इस तथ्य को “ब्राउन ड्वॉर्फ डेजर्ट” कहा जाता है।

ब्राउन ड्वार्फ का द्रव्यमान तो बृहस्पति से 80 गुना होता है लेकिन इनके केंद्र इतने गर्म या सघन नहीं होते कि तारों की तरह नाभिकीय संलयन के जरिए ऊर्जा पैदा कर सकें। स्पिट्जर और स्विफ्ट ने इसका पता जमीन आधारित सूक्ष्म सर्वेक्षणों की मदद से मिली जानकारी के आधार पर लगाया है। इन सर्वेक्षणों में प्रकाशीय गुरूत्वीय लेंस प्रयोग भी शामिल है। यह पहला मौका है जब दो अंतरिक्षीय दूरबीनों ने इस घटना का पता लगाने के लिए समायोजन किया है।

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