50 हज़ार से ज़्यादा धनराशि निकालने पर लगेगा कैश ट्रांज़ैक्शन टैक्स!

शिखा पाण्डेय | Navpravah.com

डिजिटल पेमेंट को बढ़ावा देने की दिशा में सरकार एक और ठोस कदम उठाने की फिराक में है। आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू की अध्यक्षता वाली मुख्यमंत्रियों की समिति ने डिजिटल पेमेंट्स को बढ़ावा देने संबंधी अपनी एक रिपोर्ट में सरकार से सिफारिश की है कि बैंक से 50 हजार रुपये से अधिक कॅश निकालने पर टैक्स लगाया जाए। अब अगर सरकार को समिति की सिफारिश पसंद आती है, तो एक अकाउंट से 50000 रुपये से अधिक कॅश निकालने पर आपको टैक्स देना होगा।

इस रिपोर्ट में सरकार को यह भी सुनिश्चित करने को कहा गया है कि जो भी व्यापारी डिजिटल लेन-देन स्वीकार कर रहे हैं। उन पर पूर्वप्रभाव से टैक्स न लगाया जाए। इसके अतिरिक्त समिति ने सभी तरह के डिजिटल पेमेंट्स पर एमडीआर चार्जेज (ट्रांजैक्शन शुल्क) खत्म करने की सिफारिश भी की है। साथ ही आयकर के दायरे में न आने वाले छोटे व्यापारियों को स्मार्ट फोन खरीदने को 1,000 रुपये तक सब्सिडी देने की सिफारिश भी की है।

डिजिटल पेमेंट्स करने वाले एक निश्चित वार्षिक आय वाले ग्राहकों को टैक्स रिफंड की सुविधा देने की सिफारिश भी समिति ने की है। चंद्रबाबू नायडू की अध्यक्षता वाली समिति ने मंगलवार को प्रधानमंत्री को अंतरिम रिपोर्ट सौंपी। रिपोर्ट सौंपने के बाद नायडू ने उम्मीद जतायी कि सरकार आगामी आम बजट में समिति की सिफारिशों को जगह देगी।

नायडू ने कहा कि नकदी के इस्तेमाल को कम करने के लिए 50,000 रुपये और उससे अधिक राशि बैंक से निकालने पर बैंकिंग कैश ट्रांजैक्शन टैक्स (बीसीटीटी) लगाया जाना चाहिए। वहीं कैश के बड़े-देन के संबंध में सरकार को एक निश्चित सीमा तय करनी चाहिए, जिससे ऊपर कोई नकद भुगतान न कर सके। समिति का कहना है कि वित्त मंत्रालय को इस संबंध में कदम उठाना चाहिए।

आपको बता दें कि सरकार ने 8 नवंबर को 500 रुपये और 1000 रुपये के पुराने नोट बंद करने के बाद डिजिटल पेमेंट्स को बढ़ावा देने के लिए नायडू की अध्यक्षता में यह समिति गठित की थी। अब अगर सरकार द्वारा इस प्रकार का कोई बैंक ट्रांसक्शन टैक्स लगाया जाता है, तो ऐसा पहली दफा नहीं होगा। इससे पहले संप्रग सरकार ने भी बैंक ट्रांजैक्शन टैक्स लगाया था। लेकिन आम लोगों की नाराजगी के चलते तत्कालीन वित्त मंत्री पी चिदंबरम के इस फैसले को सरकार को फौरन वापस लेना पड़ा था।

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