सुषमा स्वराज ने फिर पेश की मिसाल

शिखा पाण्डेय | Navpravah.com

आम नागरिकों की मौलिक ज़रूरतों का पूरा ख्याल रखने की दिशा में विदेश मंत्रालय ने एक और मिसाल पेश की है। विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने आंध्रप्रदेश की दो ज़रूरतमंद दिव्यांग लड़कियों को पासपोर्ट दिलवाने के मामले में तुरंत एक्शन लिया और उन्हें पासपोर्ट दिलाया।

दरअसल दोनों महिलाएं सगी बहनें हैं। नेल्लोर की रहने वाली दोनों बहनों के नाम हैं रल्लापल्ली रामा सुब्बा राव और सुब्बालक्ष्मी। इनकी मां ने इंटरनेट पर अपनी समस्या व्यक्त की थी। दोनों बहनों की खुशी का ठिकाना नहीं रहा, जब पासपोर्ट कर्मचारी उनके दरवाजे पर आ गए और खुद उनके घर आकर पासपोर्ट की औपचारिकताएं पूरी कीं।

राव एक रिटायर्ड तहसीलदार हैं। राव ने change.org पर सोमवार को अपनी दोनों बेटियों की पीड़ा साझा की थी। उनकी दोनों बेटियाँ पोलियो से ग्रसित हैं। उन्होंने लिखा था कि उनकी बेटियों को पासपोर्ट ऑफिस जाने में काफी तकलीफ होगी। उनकी पीड़ा पर सुषमा ने तुरंत जवाब दिया। सुषमा ने कहा कि वो जरूर मदद करेंगी। उन्होंने उनका ब्योरा पढ़ा। उसके बाद सुषमा ने आवश्यक निर्देश दिए। उनके आदेश पर स्थानीय पासपोर्ट ऑफिस के कर्मचारियों ने परिवार वालों से संपर्क साधा और सारी औपचारिकताएं पूरी कर लीं।

राव ने बताया कि वो अपनी दोनों बेटियों को विदेश भेजना चाहती हैं। उनका बेटा वहीं पर सेटल्ड है। दोनों बेटियों की उम्र 40 के आसपास बताई गई है। राव ने कहा कि सुषमा स्वराज के जवाब से वो काफी संतुष्ट हैं। उन्होंने जिस तत्परता से काम करवाया, वो उनकी कायल हो गई हैं। उन्होंने कहा कि हम दिल से उनके आभारी हैं।

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