राजेश सोनी | Navpravah.com
अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष(आईएमएफ) के अनुसार वर्ष 2016 में भारत सरकार द्वारा अर्थव्यवस्था में सुधार के लिए लिया गया विमुद्रीकरण का फैसला फायदेमंद साबित हो सकता है। आईएमएफ संचार विभाग के उप प्रवक्ता विलियम मरे ने एक सम्मेलन में कहा कि भारत की अर्थव्यवस्था को विमुद्रीकरण के फैसले का बेहद लाभ मिलेगा।
मरे ने आगे कहा कि शुरुआत में विमुद्रीकरण के फैसले से भारत की अर्थव्यवस्था में नकदी कमी के कारण निजी उपभोग, लघु उद्योग, और आर्थिक गतिविधियों को काफी समस्यायों का सामना करना पड़ा था। जिसके कारण, देश में नकदी से व्यापार करने वाले लोगों को काफी बाधाएं पैदा हुई थी, लेकिन यह बाधाएं कुछ समय के लिए थी।
बैंकिंग प्रणाली एवं डिजिटल भुगतान के अधिक प्रयोग से भारत की अर्थव्यवस्था में भ्रष्टाचार और जाली नोट की कमी आएगी। जिसके कारण, विमुद्रीकरण के फैसले का भारत की अर्थव्यवस्था पर प्रभावी तौरपर सकारात्मक असर नजर आएगा। वहीं आईएमएफ जनवरी में भारत के साथ दुनिया के अन्य देशों की विकास दर पर अपना अनुमान दुनिया के सामने पेश करने वाला हैं।