शेख़ हसीना के इस्तीफ़े और देश से पलायन के बाद भी नहीं रुकी हिंसा, ख़तरे में हिंदुओं की जान

सौम्या केसरवानी | navpravah.com

नई दिल्ली | बांग्लादेश में दो महीने से चल रहे प्रदर्शन के बाद प्रधानमंत्री शेख हसीना ने सोमवार 5 अगस्त को अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। बांग्लादेश में चल रहे हिंसक माहौल के बाद शेख हसीना अपना देश छोड़कर भारत शरण लेने आ गयी हैं।

आरक्षण विरोधी छात्र आंदोलन के बाद प्रधानमंत्री शेख हसीना ने सोमवार, 5 अगस्त को पद से इस्तीफा दे दिया और हिंसक माहौल के चलते शेख हसीना को देश छोड़कर भागना पड़ा। खबरों के अनुसार, उनकी बहन रेहाना भी साथ हैं। वे सेना के विमान से गाजियाबाद के हिंडन एयरबेस पर उतरीं।

रिपोर्ट के अनुसार, नौकरी में आरक्षण को लेकर छात्रों के विरोध से स्थिति एक व्यापक राजनीतिक आंदोलन में बदल गई, जिसमें विपक्षी दल के सदस्यों ने कथित तौर पर विरोधी समूहों में घुसपैठ की और हिंसा को भड़काया, जिससे यह भयावह स्थिति उत्पन्न हो गई।

जानकारी के अनुसार, बंग्लादेश के इस घटना में अब तक 300 लोगों की जान गई है, जिसमें 100 से ज्यादा लोग पिछले 24 घंटों में मरे हैं, इनमें से ज्यादातर छात्र हैं। ढाका में 4 लाख लोग सड़कों पर हैं, जगह-जगह तोड़फोड़ की जा रही है, इसी के मद्देनजर चारो तरफ BSF ने भारत-बांग्लादेश पर अलर्ट बढ़ा दिया है। यहां भारत ने भी बांग्लादेश जाने वाली सभी ट्रेनें रद्द कर दी हैं।

बांग्लादेश के सेना प्रमुख ने मीटिंग कर कहा, ” इस घटना से हमें दुःख है, पर हम अंतरिम सरकार बनाएंगे। देश को अब हम संभालेंगे, आंदोलन में जिन लोगों की हत्या की गई है, उन्हें इंसाफ दिलायेंगे।”

बता दें कि शेख हसीना के प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देने और देश छोड़ने के बाद भी प्रदर्शनकारी सड़कों पर डटे हुए हैं। भीड़ ने यहां के कम से कम 27 जिलों में हिंदुओं के घरों और व्यापारिक प्रतिष्ठानों पर हमला किया और उनके कीमती सामान भी लूट लिए हैं।

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