दिल्ली कोचिंग हादसा: सिर्फ़ आरोप-प्रत्यारोप, बच्चों की मौत की ज़िम्मेदारी कौन लेगा ?

सौम्या केसरवानी | navpravah.com 

नई दिल्ली | दिल्ली के राव आईएएस कोचिंग सेंटर में जो हादसा हुआ, उसकी जिम्मेदारी आखिर किसकी है, इसके लिए कौन जिम्मेदार है कौन नहीं, इसकी जांच चल रही है। लेकिन लचर व्यवस्था और लापरवाही के चलते तीन स्टूडेंट्स की जान तो इस हादसे में चली गई है। उनके घरवालों की हिम्मत और सपने सब टूट गए।

इस हादसे के बाद दिल्ली पुलिस का ऐक्शन जारी है। अब तक इस हादसे में कोचिंग मालिक सहित 5 लोग अबतक गिरफ्तार हो चुके हैं। इस हादसे के बाद छात्र आक्रोशित हैं, जगह- जगह प्रदर्शन जारी है और सभी न्याय की मांग कर रहे हैं कि आखिर छात्रों के साथ ऐसा कैसे हुआ और देश में छात्रों की सुरक्षा के लिए कोचिंग व स्कूलों में कितनी व्यवस्थाएं हैं।

इस हादसे में तीन छात्र की मौत हो गयी है, नेविन डेल्विन, श्रेया यादव और तान्या सोनी तीनों ही बहुत ही होनहार छात्र थे। श्रेया यादव और तान्या सोनी इसी IAS स्टडी सेंटर में UPSC की तैयारी कर रहे थे। लेकिन नेविन डेल्विन JNU से पीएचडी कर रहे थे और हादसे के वक्त सेंटर के बेसमेंट में चल रही लाइब्रेरी से किताब लेने आए थे। नेविन के परिवार की बात करें, तो नेविन डेल्विन केरल के एर्नाकुलम जिले के रहने वाले थे, उनके पिता डेल्विन सुरेश रिटायर्ड डीएसपी हैं, जबकि उनकी मां प्रोफेसर हैं।

इस मामले में दिल्ली की राजस्व मंत्री आतिशी ने मुख्य सचिव को २४ घंटे की भीतर घटना का रिपोर्ट सौपने को कहा है। आतिशी ने कहा कि यह मामला संवेदनशील है, हादसे की जांच भी शुरू कर दी गयी है। मजिस्ट्रेट जांच के आदेश दिये गये हैं, इस घटना के लिए जो जि़म्मेदार है उसे बख्शा नहीं जाएगा, उस पर कड़ी कार्रवाई की जायेगी।

डीएसपी हर्षवर्धन ने बताया कि बेसमेंट में बहुत तेजी से पानी भर गया था, जिसके कारण कई लोग अंदर फंस गये थे। बेसमेंट में फंसे लोगों को बाहर निकालने के लिए कई घंटे रेस्क्यू आपरेशन चलाया गया, एनडीआरएफ व पुलिस की मदद से लोगों को बाहर निकाला गया व साथ में तीनों बच्चों का शव भी निकाला गया।

इस मामले में नगर निगम का कहना है कि इमारत की बेसमेंट को स्टोरेज के लिए एनओसी दिया गया था। हालांकि, इंस्टीट्यूट ने नियमों का उल्लंघन करके बेसमेंट में लाइब्रेरी बना दी थी। राव के आईएएस स्टडी सर्कल सेंटर को अगस्त 2021 में दिल्ली नगर निगम से अनापत्ति प्रमाण पत्र मिला था। सिविल सेवा उम्मीदवारों के लिए कोचिंग सेंटर को इस महीने की शुरुआत में अग्निशमन विभाग से एनओसी मिली थी। अनुमति के साथ ही संबंधित डॉक्यूमेंट्स में साफ कहा गया था कि बेसमेंट का इस्तेमाल बिल्डिंग बायलॉज के अनुसार ही किया जाना चाहिए, लेकिन ऐसा नहीं हो रहा था, जिसके चलते ये हादसा हुआ।

दिल्ली सरकार के मंत्री सौरभ भारद्वाज ने मीटिंग की, जिसमें उन्होंने कहा कि ये कोचिंग इंस्टिट्यूट की लापरवाही तो है मगर दिल्ली के लोगों के खिलाफ एक बड़ा षड्यंत्र किया गया है। उन्होंने बताया कि सभी कह रहें है दिल्ली में ड्रेन और सीवर से गाद निकालने का काम ठीक से नहीं किया गया है, जिसके चलते पूरी दिल्ली में जलभराव हुआ। हालांकि ये विभाग मेरा नहीं है, वैसे इन अफसरों का ना सरकार ट्रांसफर कर सकती है, ना कार्यवाही कर सकती है।

AAP विधायक दुर्गेश पाठक ने भी इस घटना पर कहा कि, इसकी जांच होनी चाहिए और जो जिम्मेदार है उस पर कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए। आप विधायक ने कहा कि दिल्ली की जल निकासी व्यवस्था ध्वस्त हो गई है और इसका कारण यह है कि भाजपा 15 साल से सत्ता में थी, हम पिछले 1 साल से यहां हैं और नालों पर काम कर रहे हैं।

इस हादसे पर राज्यसभा सांसद स्वाति मालीवाल ने एक्स पर लिखा कि छात्रों की बेसमेंट में डूबने से हुई मौत की ज़िम्मेदारी आखिर कौन लेगा? उन्होंने बताया कि, स्टूडेंट दस दिन से ड्रेन साफ़ करने की डिमांड कर रहे थे, पर कोई कार्यवाही नहीं की गई, पैसे खाकर सड़क-नालियों के ऊपर क़ब्ज़े हो जाते हैं, स्पष्ट है कि कोई सेफ्टी रुल्स को पालन करने की ज़रूरत नहीं है। बस पैसा दो, काम हो जाता है। बस हर दिन AC रूम में बैठ के महत्वर्ण प्रेस कॉन्फ्रेंस करते रहो। ग्राउंड पर कोई काम करने को तैयार नहीं है।

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