कोमल झा| Navpravah.com
दमिश्क: सीरिया में आईएस के आतंकियों पर अमेरिका कहर बनकर टूटा है. यहाँ अमेरिकी समूह द्वारा आईएस के संचालित जेल पर हवाई हमला किया गया है. जिसमें 60 से ज्यादा आतंकियों के मारे जाने की खबर है. इस हमले की पुष्टि सीरियन आब्जर्वेटरी फॉर हयूमन राइट्स ने की है. अमेरिका ने कहा कि इस हमले में जेहादी उसका एकमात्र निशाना हैं.
बतादें की आईएस का गढ़ खे जाने वाले सीरिया पर अमेरिकी समूह ने हवाई हमला कर के कई आतंकियों को मार गिराया है। सीरियन आब्जर्वेटरी फॉर हयूमन राइट्स की रिपोर्ट की माने तो अमेरिका ने मयादीन देश के पूर्वी प्रांत देइर एजोर में आईएस के एक जेल को निशाना बनाया गया.बता दें कि मयादीन देश के पूर्वी प्रांत देइर एजोर का एक बड़ा शहर है. प्रांत के अधिकतर हिस्से पर जेहादियों का कब्जा है और यहां गठबंधन तथा सीरियाई सेना एवं उसके रूसी सहयोगी दोनों ही हवाई हमले करते रहे हैं.
सीरियन आब्जर्वेटरी फॉर हयूमन राइट्स ने जानकरी देते हुए इस हमले की पुष्टि कर कहा है कि समूह के हमले में 42 कैदियों तथा 15 जेहादियों सहित कई अन्य के मारे जाने की खबर है. हमले को लेकर कहा गया है यहाँ आईएस का कब्ज़ा अहै ऐसे में उनपर हमला करना जरुरी था.
पूर्वी सीरिया के इस्लामिक स्टेट के कब्जे वाले शहर पर हवाई हमले हुआ था. उस हमले में कम से कम 35 आम नागरिकों के मारे जाने की आशंका थी. सीरिया के मयादीन शहर की आवासीय इमारतों पर लगातार कई हमले किए गए. संगठन के प्रमुख रमी आबदेल रहमान ने बताया, ‘मरने वालों में आईएस लड़ाकों के 26 रिश्तेदार शामिल थे. इनमें सीरियाई और मोरक्को मूल की महिलाएं और बच्चे भी शामिल थे. नौ सीरियाई आम नागरिक थे, जिनमें पांच बच्चे शामिल थे.’
बता दें कि पेंटागन की एक रिपोर्ट में भी यह स्वीकार किया गया कि मार्च में मोसुल में जिहादी विरोधी हमलों में 105 आम नागरिक मारे गए हैं. अमेरिकी सेना भी कह चुकी है कि साल 2014 से अब तक इराक और सीरिया में हुए गठबंधन के हवाई हमलों में कुल 352 लोग मारे जा चुके हैं.
हालाँकि अभी तक हमले में आम नागरिकों के मारे जाने के संबंध में कोई बयान नहीं आया है. सम्भावना है कि इस हमले में जो कैदी मारे गये हैं वह सीरियन आर्मी के लोग या आम नागरिक हो सकते हैं जिन्हें आईएस के लोगों ने कैदी बनाकर रखा था.