कोमल झा| Navpravah.com
संयुक्त राष्ट्र: संयुक्त राष्ट्र ने कहा है कि कॉन्गो लोकतांत्रिक गणराज्य के हिंसाग्रस्त मध्य क्षेत्र में 38 अन्य सामूहिक कब्रें मिली हैं. क्षेत्र में सितंबर के बाद से सुरक्षाबलों और जनजातीय मिलिशिया के बीच हिंसा बढ़ गई है. तब से लेकर अब तक कम से कम 80 सामूहिक कब्रों की पहचान की जा चुकी है.
रोमन कैथोलिक चर्च द्वारा एकत्रित किए गए आंकड़ों के मुताबिक अंतरराष्ट्रीय समुदाय ने हिंसा पर चिंता जताई है. इस हिंसा में 3,000 से ज्यादा लोग मारे गए हैं. संयुक्त राष्ट्र के कॉन्गो शांति रक्षा अभियान ने पहले 400 से ज्यादा लोगों के मारे जाने की बात कही थी. वहीं राज्य के कसई प्रांत में अनुमानित 13 लाख लोग अपना घर छोड़कर जा चुके हैं.
हिंसा पिछले साल तब शुरू हुई थी जब अंगोला के साथ लगती दक्षिणी सीमा के समीप क्षेत्र के जनजातीय नेता कामविना सापू ने राष्ट्रपति जोसेफ कबीला सरकार को खुली चुनौती दी थी जिसके बाद सुरक्षाबलों के साथ उनका संघर्ष शुरू हुआ. सापू अगस्त 2016 में पुलिस अभियान में मारा गया लेकिन उसके सशस्त्र समर्थकों की लड़ाई जारी है. उनका मानना है कि सापू अब भी जीवित है क्योंकि उसे पारंपरिक रीति रिवाजों के अनुसार नहीं दफनाया गया.
संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुतेरेस ने मार्च में दो पश्चिमी विशेषज्ञों को लड़ाई की जांच करने के लिए भेजा था और एक पखवाड़े बाद शांति रक्षा दूतों को एक कब्र में उनके शव मिले थे. सरकार ने उनकी हत्याओं के लिए जनजातीय मिलिशिया को जिम्मेदार ठहराया था.