शिखा पाण्डेय । Navpravah.com
पापियों के पाप धोते धोते मैली हुई पतित पावनी गंगा नदी में अब बहुत जल्द फिर ‘अमृत जल’ का बहाव होने की संभावना है। अब तक यदि आप भी गंगा को दूषित करने में किसी भी प्रकार से शामिल थे, तो सावधान हो जाइये। क्योंकि अब ऐसा अपराध आपको व आपकी जेब को बहुत महंगा पड़ सकता है।
नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने गंगा नदी के पुनरुद्धार की दिशा में एक महत्त्वपूर्ण कदम उठाया है। इसके तहत एनजीटी ने हरिद्वार और उन्नाव के बीच नदी के दोनों ओर 100 मीटर के क्षेत्र को ‘नो डेवलपमेंट जोन’ घोषित कर दिया है। इसके साथ ही नदी के 500 मीटर के दायरे में कचरा डम्प करने पर भी प्रतिबंध लगा दिया गया है।
एनजीटी चेयरपर्सन जस्टिस स्वतंत्र कुमार की अगुआई वाली बेंच ने नदी में कचरा डम्प करने वालों पर 50 हजार रुपए तक एन्वायर्नमेंट कम्पन्सेशन लगाने का ऐलान किया है। साथ ही एपेक्स एन्वायर्नमेंट वाचडॉग ने सभी संबंधित विभागों को दो साल के भीतर सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट की स्थापना और नालों की सफाई सहित विभिन्न प्रोजेक्ट पूरा करने के निर्देश भी दिए हैं।