
अनुज हनुमत,
आज यूएन की विशेष सभा में विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने पाकिस्तान को मुंहतोड़ जवाब दिया। यूएन में पाकिस्तान को करारा जवाब देते हुए सुषमा स्वराज ने कहा, ‘कश्मीर भारत का अभिन्न हिस्सा है और रहेगा। पाकिस्तान इसको लेकर ख्वाब पालना छोड़ दे।’
सबसे खास बात यह रही कि विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने संयुक्त राष्ट्र में हिन्दी में बोलते हुए भारत का पक्ष सधे शब्दों में रखा और तथ्यों को दुनिया के सामने रखकर पाकिस्तान की दुनिया में असलियत उजागर कर दी। सुषमा ने पूरी दुनिया को पाकिस्तान की पोल खोलने वाले कई तथ्य सामने रखे। उन्होंने कहा कि ‘हमने शर्तों के साथ नहीं मित्रता के साथ पाकिस्तान की तरफ हाथ बढ़ाया है। हमने दो साल में मित्रता का जो पैमाना तय किया, वो पहले कभी नहीं था। लेकिन हमें इसके बदले क्या मिला? पठानकोट, उरी और बहादुर अली।’
प्रधानमंत्री मोदी ने अपने शपथ ग्रहण में नवाज शरीफ को बुलाया। उनके जन्मदिन पर लाहौर गए बदले में हमें पठानकोट, उरी और बहादुर अली मिला। बहादुर अली सीमा पार से आया आतंकी है, जो भारत की गिरफ्त में है। आगे उन्होंने कहा कि नवाज शरीफ ने कश्मीर में मानवाधिकार के उल्लंघन को उठाया था। ‘पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ने कहा कि उनके साथ मानवाधिकार का हनन हो रहा है। अगर किसी को मानवाधिकार हनन देखना है, तो बलूचिस्तान को देखे।’
अपने भाषण के दौरान सुषमा स्वराज ने आगे कहा, ‘आज हमें देखना होगा कि इन आतंकवादियों को कौन पनाह दे रहा है। इतिहास गवाह है कि जिसने हिंसक विचारधारा को पनाह दी है, उसे इसका कड़वा फल ही मिला है। मेरा और तेरा आंतकवाद की मानसिकता से निकलना होगा और एक दृड़ निश्चय के साथ आज हमें आतंकवाद का सामना करना पड़ेगा।’
कुछ देश हैं जो आतंकवाद ही बोते हैं-
कड़े औए बेबाक अंदाज को जारी रखते हुए सुषमा स्वराज ने कहा, ‘दुनिया में कुछ देश ऐसे हैं जो बोते भी हैं तो आतंकवाद, काटते भी हैं तो आतंकवाद निर्यात भी करते हैं तो आतंकवाद। आतंकवाद को समर्थन देने वाले देशों को विश्व समुदाय में कोई जगह नहीं देनी चाहिए।’ सुषमा ने मांग की कि दुनिया ऐसे देश को अलग थलग करे।
आगे उन्होंने पाकिस्तान को चेताते हुए बताया कि ‘1996 से लंबित CCIT यानी अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद पर व्यापक समझौते पास करना होगा। हमें संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की जरूरत है। अगर ऐसा होता है तो मैं समझूंगी कॉन्फ्रेंस सफल रही।
बहरहाल जैसे ही विदेश मंत्री सुषमा स्वराज का भाषण खत्म हुआ, वैसे ही उनके इस भाषण की सभी प्रमुख नेताओ ने बड़ाई की। सबसे पहले खुद प्रधानमन्त्री नरेंद्र मोदी ने सुषमा स्वराज को उनके बेबाक अंदाज के लिए बधाई दी और बाकी कई नेताओ ने तारीफ की।