एनपी न्यूज़ डेस्क | Navpravah.com
म्यांमार का कट्टरपंथ संगठन अराकान रोहिंग्या साल्वेशन आर्मी (एआरएसए) म्यांमार के खिलाफ जंग छेड़ सकता है। म्यांमार सेना के खिलाफ विद्रोह करने वाली इस संगठन के नेता अताउल्लाह खान ने ट्वीट कर एक बार फिर म्यांमार सेना के खिलाफ जंग छेड़ने की धमकी दी है। अताउल्लाह खान ने अपने ट्वीट में लिखा है कि ‘म्यांमार सरकार प्रायोजित आतंकवाद से निबटने के लिए लड़ाई के अलावा हमारे पास कोई विकल्प नहीं बचा है और हम अपने समुदाय के हितों की रक्षा करेंगे।’ इस बयान में कहा गया है कि रोहिंग्या समुदाय के भविष्य से जुड़े फैसलों और मानवीय जरूरतों के बारे में कोई भी कदम उठाने से पहले इस समुदाय के प्रतिनिधियों को भी शामिल किया जाना चाहिए।
इस कट्टरपंथ संगठन ने यह भी स्पष्ट किया है कि उनका दुनिया में किसी भी आतंकवादी संगठन से कोई वास्ता नहीं है। हमारा संगठन सिर्फ म्यांमार में रोहिंग्या मुसलमानों पर हो रहे अत्याचार के खिलाफ लड़ रहा है। आगे इस कट्टरपंथी संगठन का कहना है कि म्यांमार में रोहिंग्या मुसलमानों को अब तक देश की नागरिकता नहीं दी गई है और वे इस देश में आने-जाने के लिए भी स्वतंत्र नहीं हैं। रोहिंग्या मुसलमानों को इस समय दुनिया भर में शरणार्थियों के तौरपर जीने के लिए मजबूर है और इस वजह से उन्हें सहीं से स्वास्थ्य सेवा भी नहीं मिल रही है।
गौरतलब है कि रोहिंग्या मुसलमानों को भारत में शरण देने के लिए बहुत मांग उठी थी। उन्हें मानवता के नाम पर भारत में शरण देने के लिए कहा जा रहा था। भारत सरकार ने लेकिन रोहिंग्या मुसलमानों को देश की सुरक्षा के लिए खतरा बताया था, क्योंकि म्यांमार की सेना ने उनपर म्यांमार में आतंकवाद को बढ़ावा देने की वजह से उनको अपने देश से खदेड़ा था। म्यांमार के राखिने राज्य में इन लोगों की आबादी सबसे अधिक है।