राजेश सोनी | Navpravah.com
कल राजद प्रमुख और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव को चारा घोटाले मामले में सीबीआई की विशेष अदालत ने 3.5 साल की कारावास की सजा सुनाई थी। उन्हें रांची के विरसा मुंडा जेल में रखा गया है और उन्हें आम कैदियों की तरह जेल में काम भी करना पड़ेगा। लालू को जेल प्रशासन द्वारा माली का काम दिया गया है और इस काम के लिए लालू यादव को प्रतिदिन 93 रुपए का मेहनताना भी मिलेगा।
सीबीआई की विशेष अदालत ने लालू को 3.5 साल की सजा सुनाई है, जिसके बाद लालू के वकीलों ने बिहार उच्च न्यायालय का दरवाजा खट-खटाने का ऐलान किया है। बता दें कि अगर लालू को 3 साल या उससे कम सजा मिलती, तो उन्हें सीबीआई अदालत से ही जमानत मिल जाती और उच्च न्यायालय जाने की जरुरत नहीं पड़ती। अदालत इससे पहले भी 2013 में लालू को चारा घोटाला मामले में 5 साल की कारावास और 25 लाख जुर्माने की सजा सुना चुकी है। अदालत ने स्पष्ट किया है कि लालू यादव की दोनों सजायें एक साथ चलेंगी।
लालू को सजा मिलने के बाद उन्होंने भाजपा की केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए लिखा कि मैंने तानाशाह सत्ता का साथ नहीं दिया, इस वजह से मेरे पीछे जहरीली ताकतों को लगाया गया और मुझे सजा भुगतनी पड़ी। गौरतलब है कि लालू प्रसाद यादव जब बिहार के मुख्यमंत्री समेत वित्त मंत्री थे, तब राज्य में 950 करोड़ का बहुत बड़ा चारा घोटाला हुआ था। वहीं लालू को शनिवार को सीबीआई की विशेष अदालत ने देवघर कोषागार मामले में 89 लाख 27 रुपए का गबन के लिए सजा सुनाई है।