अमित द्विवेदी | Navpravah.com
भारत द्वारा मोस्ट फेवर्ड नेशन का दर्ज़ा वापस लेने के बाद से ही पाकिस्तान की कमर टूटनी शुरू हो गई है. पाकिस्तानी मीडिया की रिपोर्ट्स के मुताबिक़, वाघा बॉर्डर पर सामान से लदे सैकड़ों ट्रक रोक दिए गए हैं. भारतीय व्यापारियों ने भी अपने ऑर्डर्स कैंसिल कर दिए हैं, जिसके चलते लगभग 350 ट्रक वाघा बॉर्डर पर ही खड़े हैं. भारत के इस एक्शन के चलते पाकिस्तानी व्यापारियों को भारी आर्थिक क्षति पहुँच रही है.
भारत के एक्शन से पाकिस्तानी कारोबारियों का बुरा हाल-
पुलवामा हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान से आने वाले सामान पर ड्यूटी 200% तक बढ़ा दी है, जिसका असर दिखने लगा है. पाकिस्तान से भारत आने वाला अरबों रुपयों का सीमेंट पाकिस्तान में ही पड़ा हुआ है. इससे जुड़ी खबरें पाकिस्तान की मीडिया में चलाई जा रही हैं.
पाकिस्तान से करोड़ों रुपए का भारत आने वाला छुआरा भी पड़ा हुआ है. पाकिस्तान में सब्जियां भी महंगी हो गई हैं. 2017-18 के आंकड़ों की मानें तो भारत-पाकिस्तान के बीच 15 हजार 547 करोड़ का कारोबार हुआ था. इस कारोबार में भारत की 80% और पाक की 20% हिस्सेदारी रही.
पुलवामा हमले के बाद से सभी भारतीय आक्रोश में हैं और जैसे ही भारत सरकार ने मोस्ट फेवर्ड नेशन की सूची से पाकिस्तान का नाम हटाया, भारतीय व्यापारियों ने भी पाकिस्तान के साथ किसी तरह का व्यापार न करने का फैसला लिया और पहले से दिए गए कई ऑर्डर्स भी रद्द कर दिए.
पाकिस्तानी व्यवसायियों की टूटी कमर-
मिली जानकारी के मुताबिक़, पाकिस्तानी व्यापारी भारत के इस फैसले से सदमे में हैं, क्योंकि पाकिस्तानियों के लिए भारत एक बहुत बड़ा व्यापार का केंद्र है. पुलवामा हमले के बाद भारत के एक कदम ने पाकिस्तान की आर्थिक रूप से कमर तोड़ दी है.