कोमल झा| Navpravaah.com
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज़ शरीफ पनामागेट घोटाला मामले में सुप्रीम कोर्ट के गठित दल के समक्ष गुरुवार को हाज़िर हुए. वो पाकिस्तान के पहले प्रधानमंत्री हैं जो पद पर रहते हुए इस तरह के पैनल के सामने पेश हुए हैं.
शरीफ़ ने इसके बाद कहा कि उन्होंने और उनके परिवार ने कुछ गलत नहीं किया है और अपनी लोकतांत्रिक रूप से निर्वाचित सरकार के खिलाफ साज़िश रचने के लिए कुछ अज्ञात तत्वों को निशाना बनाया. 67 साल के शरीफ ने कहा कि इन आरोपों का पीएम के तौर पर उनके कार्यकाल से कुछ लेना देना नहीं है और ये भ्रष्टाचार के आरोप नहीं हैं.
उन्होंने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री और तीसरी दफा बने प्रधानमंत्री के तौर पर उन्होंने खरबों रुपए की परियोजनाओं को मंजूरी दी लेकिन मेरे विरोधी मुझ पर कुछ भी गलत करने का आरोप नहीं लगा सकते.’
शरीफ ने कहा कि उन्हें और उनके परिवार को बार-बार कठोर जवाबदेही का सामना करना पड़ा है लेकिन उनके खिलाफ कभी भी भ्रष्टाचार का कोई आरोप साबित नहीं हुआ.
जेआईटी के प्रमुख वाजिद जिया ने शरीफ को मामले से जुड़े सभी कागजात ले कर आज छह सदस्यीय दल के समक्ष तलब किया था. शरीफ के कजाखस्तान से वापस लौटने के बाद उन्हें सम्मन जारी किया गया. शरीफ शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए कजाकिस्तान गए थे.
सुप्रीम कोर्ट ने पनामा पेपर मामले में 20 अप्रैल को जेआईटी का गठन किया था और उसे प्रधानमंत्री, उनके बेटे और मामले से जुड़े किसी भी अन्य व्यक्ति से पूछताछ करने का अधिकार दिया था. यह दल मनी लॉन्ड्रिंग मामले की जांच कर रहा है जिसके जरिए लंदन के पॉश पार्क लेन क्षेत्र में चार अपार्टमेंट खरीदे गए थे. जेआईटी को 60 दिन में अपनी जांच पूरी करनी है.