सौम्या केसरवानी । Navpravah.com
पाकिस्तान सुप्रीम कोर्ट ने पनामागेट मामले में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ को दोषी ठहराया और प्रधानमंत्री पद के लिए अयोग्य घोषित कर दिया है। पाकिस्तानी सुप्रीम कोर्ट के कोर्टरूम संख्या-1 में यह ऐतिहासिक फैसला सुनाया गया। इस फैसले के बाद अब नवाज शरीफ पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नहीं रह सकते, इसलिए उन्होंने अपने पद से इस्तीफा दे दिया और केंद्रीय मंत्रिमंडल को बर्खास्त कर दिया गया।
इस फैसले की संवेदनशीलता को देखते हुए इस्लामाबाद और रावलपिंडी को हाई अलर्ट पर रखा गया है, सुप्रीम कोर्ट और पाकिस्तानी संसद के बाहर भी बड़ी संख्या में सुरक्षाकर्मी तैनात किये गये हैं। गुरुवार शाम सुप्रीम कोर्ट ऑफिस ने शुक्रवार की कार्य सूची के अंतर्गत पनामागेट पर फैसला सुनाये जाने की जानकारी दी थी।
सुप्रीम कोर्ट बार असोसिएशन की पूर्व अध्यक्ष असमा जहांगीर ने अदालती प्रक्रिया पर सवाल उठाते हुए इसे ‘अस्वभाविक और अनुचित’ करार दिया था, उन्होंने कहा था कि जेआइटी द्वारा जमा की गयी रिपोर्ट पर दोनों पक्षों की दलीलों को 3 जजों की बेंच ने सुना, लेकिन निर्णायक फैसला सुनाने के लिए 5 सदस्यों की खंडपीठ गठित की गयी थी।
जेआईटी ने कहा था कि रिपोर्ट का दसवां खंड गोपनीय रखा जाए क्योंकि इसमें दूसरे देशों के साथ पत्राचार का ब्यौरा है, शरीफ के वकीलों की टीम ने इस पर एतराज जताया था। अदालत ने अधिकारियों को आदेश दिया कि खंड की एक प्रति शरीफ के वकील ख्वाजा हारिस को सौंपी जाए।
इमरान खान के आरोप-
बचाव पक्ष की दलीलों का जवाब देने के अपने अधिकार का इस्तेमाल करते हुए याचिकाकर्ताओं ने अपनी संक्षिप्त टिप्पणी में अदालत से आग्रह किया कि कथित रूप से संपत्ति छिपाने और अपने बच्चों के कारोबार स्थापित करने में इस्तेमाल हुए आय के स्रोत उजागर नहीं करने पर शरीफ को अयोग्य करार दिया जाए।
शरीफ के खिलाफ याचिकाकर्ताओं में शामिल पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ के प्रमुख इमरान खान के वकील ने दलील दी, ”धनशोधन के आरोपों का संतोषजनक जवाब देने में प्रधानमंत्री नाकाम रहे हैं और उन्हें अयोग्य करार देना चाहिए।”