पीयूष चिलवाल । Navpravah.com
डोकलाम में लंबे वक़्त से चल रहा भारत और चीन का विवाद थमने का नाम ही नहीं ले रहा है और हर गुजरते दिन के साथ दोनो देशों के संबंध तल्ख़ होते नज़र आ रहे हैं। जहां पहले चीन भारत को 1962 के युद्ध से सीख लेने की बात कर रहा है तो भारतीय रक्षा मंत्री अरूण जेटली भारत को 1962 का नहीं 2017 का भारत बता रहे हैं।
अब चीन यह कहने से खुद को नहीं रोक पाया कि वो भी 2017 का चीन है 1962 का नहीं। दोनों ही देश टस से मस होने को तैयार नहीं है और चीन सेना द्वारा भारतीय सीमा पर किये जा रहे सैन्य अभ्यास को देखकर दोनों देशों के बीच युद्ध की आशंका को नकारा नहीं जा सकता।
चीन के सरकारी अख़बार ग्लोबल टाइम्स में छपी ख़बर के अनुसार, चीन अगले दो सप्ताह में भारत पर सैन्य कार्यवाही कर सकता है। चीन के सरकारी अख़बार ने भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के अड़ियल रूख को इस पूरे विवाद की जड़ बताया है। अख़बार के मुताबिक प्रधानमंत्री मोदी भारत को एक ऐसे युद्ध की ओर ले जा रहे हैं, जिसका नतीजा स्पष्ट है। चीन का कहना है कि भारतीय सेना चीन की सेना का सामना करने में अभी सक्षम नहीं है।
इससे पूर्व चीन ने भारत में रह रहे चीनी नागरिकों को पहले ही आगाह कर दिया था और कैलाश मानसरोवर यात्रा पर रोक लगा दी थी। चीन के सरकारी अख़बार ने कुछ दिन पहले यह भी दावा किया था कि भारत डोकलाम से धीरे धीरे अपने सैनिक निकाल रहा है, लेकिन भारत ने इस बात का पूरी तरह से खंडन किया था। हालांकि खुद को शक्तिशाली समझने वाला और विस्तारवादी नीति का पालक चीन डोकलाम से पीछे नहीं हटेगा और भारत इसलिए पीछे नहीं जाएगा क्योंकि डोकलाम में सड़क बना लेने से चीन बार्डर पर बढ़त बना लेगा और भारत का पूर्वोत्तर वाले भाग से अलग होने का खतरा बना रहेगा। इधर प्रधानमंत्री मोदी और विदेश मंत्री सुषमा स्वराज डोकलाम का हल बातचीत के जरिये निकालने की बात कह चुके हैं।