पीयूष चिलवाल | Navpravah.com
लंबे वक़्त से चल रहे लेफ्ट और भाजपा-आरएसएस कार्यकर्ताओं के बीच जारी केरल में खूनी संघर्ष के बीच भाजपा के सीनियर नेता एवं केंद्र सरकार में वित्त एवं रक्षा मंत्री अरूण जेटली केरल पहुंचे हैं। जेटली यहां आरएसएस कार्यकर्ता राजेश के घर पहुंचे हैं जिनकी कथित तौर पर सीपीएम के कार्यकर्ताओं ने हत्या कर दी है।
हाल ही में सीपीएम कार्यकर्ताओं के कथित हमले में बुरी तरह घायल हुए उस आरएसएस कार्यकर्ता के घर भी जाएंगे साथ में वे हिंसा के शिकार अन्य पीड़ित परिवारों से भी मुलाकात करेंगे। केरल में चल रही ये राजनीतिक हत्याएं नई नहीं है पिछले एक दशक में 60 से अधिक लोग इस खूनी संघर्ष में अपनी जान गंवा चुके हैं।
देश के लगभग आधे भाग की राजनीति पर दबदबा कायम करने के बाद अब बीजेपी की निगाहें केरल पर है। और अपने कार्यकर्ताआंे की हत्या के बाद बीजेपी आर-पार की लड़ाई लड़ने के मूड में आ चुकी है। इसी के तहत पार्टी ने अपने सबसे सीनियर नेताओं को केरल के मोर्चे पर उतारने का फैसला किया है।
कहा जा रहा है कि आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत भी अगले कुछ दिनों में केरल में नज़र आ सकते हैं।
वहीं विरोधियों की अवधारणा यह है कि बीजेपी केरल में सिर्फ अपने राजनीतिक वर्चस्व को स्थापित करने के लिए केरल में हो रही हिंसा को तवज्जो दे रहा है साथ में यह भी कहा जा रहा है कि हाल ही में हुए मेडिकल काॅलेज घोटाले की आग से धुमिल हुई बीजेपी की साख को वो राजनीतिक हिंसा के मामले को ज़ोर शोर से उछालकर साफ करना चाहती है। विराधियों का यह भी कहना है कि जब हाल में बीजेपी और आरएसएस के कथित सदस्यों के हमले में एक दर्जन से ज्यादा लेफ्ट कार्यकर्ताओं की मौत हुई और कई लोग घायल हुए तब बीजेपी कहां सोयी हुई थी।
अपने गढ़ को सुरक्षित करने की कोशिश में जुटा सीपीएम इस मामले के राष्ट्रीय परिदृश्य में आने से खासा चिंतित है। सीपीएम के लोगों का कहना है कि जेटली को उन लोगों के घरों का भी दौरा करना चाहिए जिनकी जान कथित तौर पर आरएसएस और बीजेपी सदस्यों की हिंसा में गई है।