शिखा पाण्डेय । Navpravah.com
सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व वाले एनडीए गंठबंधन के उपराष्ट्रपति उम्मीदवार एम वेंकैया नायडू देश के 13वें उपराष्ट्रपति बन गए हैं। उन्होंने कांग्रेस की अगुआई वाले 18 विपक्षी दलों के संयुक्त उम्मीदवार गोपाल कृष्ण गांधी को 272 वोटों से हराया। बीजेपी के लिए यह निश्चित तौर पर एक बड़ी उपलब्धि है। ऐसा पहली बार हुआ है कि बीजेपी के नेता देश के 3 बड़े संवैधानिक पदों- राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति और प्रधानमंत्री पर काबिज होंगे।
शुक्रवार को उपराष्ट्रपति पद के लिए हुए चुनाव में 98.21% वोट डाले गए। चुनाव में कुल 785 सांसदों को वोट डालना था लेकिन 771 सांसदों ने ही वोट डाला, 14 सांसदों ने मताधिकार का इस्तेमाल नहीं किया। वोटिंग सुबह 10 बजे शुरू हुई जो शाम 5 बजे तक चली। वोटों की गिनती शाम 6 बजे से शुरू हुई और नतीजों का ऐलान शाम करीब 7 बजे किया गया। असिस्टेंट रिटर्निंग ऑफ़िसर मुकुल पांडे ने कहा कि कुल 785 वोटों में 771 सांसदों ने मतदान किया। वेंकैया नायडू को 771 में से 516 वोट मिले जबकि गोपालकृष्ण गांधी को 244 वोट मिले।
गोपालकृष्ण गांधी ने वेंकैया नायडू को जीत की बधाई दी। उन्होंने अपने प्रदर्शन पर संतोष जताते हुए सभी वोट देने वालों को धन्यवाद कहा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी नायडू को उपराष्ट्रपति चुने जाने पर बधाई दी है। गोपालकृष्ण गांधी की हार पर कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा कि विपक्ष कभी विचारधारा से समझौता नहीं करेगा भले ही हमें हार का सामना करना पड़े। आजाद ने एनडीए के खिलाफ वोट देने वाले सभी सांसदों का आभार जताया।
कैसे होता है उपराष्ट्रपति चुनाव:
-भारत में उपराष्ट्रपति का चुनाव एक निर्वाचक मंडल करता है। उपराष्ट्रपति भारतीय संसद के ऊपरी सदन राज्यसभा का पदेन सभापति भी होता है।
-उपराष्ट्रपति के चुनाव में लोकसभा और राज्यसभा के सांसद वोट करते हैं। दोनों सदनों में सदस्यों की संख्या 790 है, लेकिन लोकसभा में दो सीटें और राज्यसभा में एक सीट खाली है।
-50 फ़ीसदी से ज़्यादा जिस उम्मीदवार को वोट मिलता है, उसे विजेता घोषित किया जाता है। उपराष्ट्रपति चुनाव में कोई भी पार्टी अपने सांसदों को लेकर विप जारी नहीं कर सकती है। मतदान एक गोपनीय बैलेट के ज़रिए होता है। संसद सदस्य दिन में 10 से पांच बजे शाम तक बैलेट पर अपनी पसंद बताने के लिए एक ख़ास कलम का इस्तेमाल करते हैं।
कैसे हुआ जोड़-घटाव:
संसद के दोनों सदनों में सदस्यों की संख्या 790 है, लेकिन लोकसभा में दो सीटें और राज्यसभा में एक सीट खाली है। बीजेपी सांसद छेदी पासवान को अदालती फ़ैसले के कारण वोट नहीं देने दिया गया। 545 सदस्यों वाली लोकसभा में बीजेपी के 281 सांसद हैं। बीजेपी के नेतृत्व वाले एनडीए के पाले में 338 सांसद हैं। दूसरी तरफ़ 245 सदस्यों वाली राज्यसभा में बीजेपी के 58 सांसद हैं और इस संख्या के साथ ही बीजेपी राज्यसभा में सबसे बड़ी पार्टी बन गई है। राज्यसभा में कांग्रेस के 57 सांसद हैं। चूंकि 50 फ़ीसदी से ज़्यादा जिस उम्मीदवार को वोट मिलता है, उसे विजेता घोषित किया जाता है, भाजपा ने बड़ी आसानी से यह चुनाव अपने पक्ष में समाप्त किया।
गौरतलब है कि इससे पहले राष्ट्रपति चुनाव में रामनाथ कोविंद ने विपक्ष के उम्मीदवार मीरा कुमार को हराया था। मौजूदा उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी लगातार 2 बार इस पद पर रहे और उनका मौजूदा कार्यकाल 10 अगस्त को समाप्त हो रहा है।
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