भारतीय रेल प्रणाली में आवश्यक सुधार की ज़रुरत, हम सशर्त सहायता के लिए तैयार -चीन

शिखा पाण्डेय,

पड़ोसी देश चीन ने भारत को अपनी कमज़ोर रेल प्रणाली में तत्काल सुधार करने की सलाह दी है और कहा है कि चीन इसके लिए आवश्यक सहायता मुहैया करा सकता है। चीनी सरकार संचालित एक वेबसाइट में कहा गया है कि चीन की मदद से दक्षिण एशियाई देश को अपने रेलवे में सुधार में मदद की संभावना है, लेकिन द्विपक्षीय सहयोग के लिए रेल नेटवर्क में चीनी निवेश के प्रति एक खुला रवैया रखना पूर्व शर्त है।

चीन की आधिकारिक मीडिया एजेंसी शिन्हुआ ने एक लेख में कहा कि रविवार को कानपुर में इंदौर-पटना एक्सप्रेस के पटरी से उतरने की घटना से भारत के रेल नेटवर्क के घटिया रखरखाव के बारे में चिंताएं एक बार फिर पैदा हो गई हैं। भारत को तत्काल सुधार करने की जरूरत है और चीन आवश्यक सहायता उपलब्ध करा सकता है।

सरकार संचालित ग्लोबल टाइम्स की वेबसाइट पर एक लेख में कहा गया कि इंदौर-पटना एक्सप्रेस के पटरी से उतरने के बाद भारत और चीन अवसंरचना में सहयोग को तेज करना चाहेंगे और चीन भारत के रेलवे में सुधार के लिए सीधी सहायता उपलब्ध करा सकता है। लेख में कहा गया कि चीन द्वारा भारत के लिए रेल प्रौद्योगिकी में भी सहयोग करने की संभावना है। चीन की प्रौद्योगिकी कुछ विकसित देशों से भी ज्यादा आधुनिक है और लागत कम है। विश्व बैंक की 2014 की रिपोर्ट में कहा गया कि चीनी रेलवे के टिकट की कीमत अन्य देशों के मुकाबले एक चौथाई है।

इस लेख में कहा गया है कि हालांकि चीनी नेतृत्व वाले एशिया अवसंरचना निवेश बैंक में भारत दूसरी सबसे बड़ी भागीदारी और मतदान का अधिकार रखता है, जो इसे एशिया में अवसंचरना में सुधार के लिए बैंक के प्रयासों से लाभ उठाने की अनुमति दे सकता है। यदि भारत और अधिक चीनी उद्यमियों को सरकार संचालित रेल नेटवर्क में निवेश की अनुमति देता है तो चीनी बैंक भारत को रियायती दरों पर ऋण उपलब्ध करा सकते हैं।

आपको बता दें कि चीन के साथ भारत पहले ही रेलवे के विकास के लिए कई सहयोगात्मक समझौते कर चुका है। भारत के इंजीनियर चीन में प्रशिक्षण ले रहे हैं और चीन अपने द्वारा विकसित एक विश्वविद्यालय के समान ही एक रेल विश्वविद्यालय स्थापित करने में भारत के साथ सहयोग कर रहा है। तेज गति की ट्रेन के अलावा, भारत और चीन बंगलुरु होते हुए चेन्नई से मैसूर तक गति बढ़ाने के लिए आवश्यक तकनीकी इनपुट की पहचान करने के लिए सहयोग करने पर सहमत हुए हैं। चीन चेन्नई से नई दिल्ली तक हाई स्पीड रेल लाइन बनाने के लिए भी संभाव्यता अध्ययन कर रहा है।

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