अमित द्विवेदी,
केंद्र सरकार द्वारा 8 नवंबर को 500, 1000 रुपए के नोट बंद करने के ऐलान पर मंथन के लिए भारतीय जनता पार्टी के संसदीय बोर्ड की मंगलवार को दिल्ली में बैठक हुई। बैठक में पार्टी के सभी वरिष्ठ नेता व केंद्रीय मंत्री माैजूद रहे। संसदीय बोर्ड की बैठक के बाद पीएम मोदी ने बीजेपी सांसदों को संबोधित भी किया। प्रधानमंत्री ने कहा कि नोटबंदी कालेधन और भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई का अंत नहीं है, बल्कि यह शुरुआत है।
बैठक के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री राजनाथ सिंह एक साथ बैठे थे। प्रधानमंत्री के बगल वाली कुर्सी खाली थी और उसके बाद सूचना एवं प्रसारण मंत्री वेंकैया नायडू और वित्तमंत्री अरुण जेटली बैठे थे। कुछ देर बाद भाजपा के लौहपुरुष कहे जाने वाले वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी बैठक में हिस्सा लेने पहुंचे। वह अरुण जेटली के आगे खाली पड़ी कुर्सी की तरफ बढ़ रहे थे कि मोदी अपनी कुर्सी से खड़े हो गए और आडवाणी को उनके पास की कुर्सी पर बैठने के लिए बुलाया।
जेटली और नायडू ने भी आडवाणी से मोदी के बगल वाली कुर्सी पर बैठने को कहा। इसके बाद आडवाणी आगे बढ़े और बैठक के दौरान पीएम मोदी के बगल वाली कुर्सी पर बैठ गए। हालांकि आडवाणी के सम्मान में पीएम मोदी तो कुर्सी छोड़कर खड़े हो गए, मगर जेटली और वेंकैया अपनी-अपनी कुर्सियों पर जमे रहे। दोनों नेताओं ने बैठे-बैठे ही आडवाणी को माेदी के बगल में खाली पड़ी कुर्सी पर बैठने का इशारा किया।
सांसदों से बातचीत करते-करते पीएम मोदी कई बार भावुक हुए। उन्होंने नोटबंदी को सर्जिकल स्ट्राइक ना कहे जाने की अपील करते हुए कहा कि 500 और 1000 रुपये के पुराने नोटों को बैन करने का फैसला गरीबों की मदद के लिए किया गया है। पीएम ने भाजपा सांसदों से कहा कि वे इस बारे में जनता को जागरूक करें और इस कदम के फायदे बताएं।