पीयूष चिलवाल | Navpravah.com
अफगानिस्तान और ईरान के साथ व्यापार को आसान करने के लिए 12-18 महीने में चाबहार बंदरगाह शुरू कर हो जाएगा। परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने इस बात की पुष्टि की।
ईरान में अपने पैर जमाने और पड़ोसी देश पाकिस्तान को दरकिनार कर अफगानिस्तान, रूस और यूरोप तक सीधी पहुंच बनाने के लिए चाबहार बंदरगाह से भारत को काफी मदद मिलेगी।
उनके अनुसार, कांडला एवं चाबहार बंदरगाह के बीच की दूरी, नई दिल्ली और मुंबई के बीच की दूरी से भी कम है। इस समझौते से भारत को वस्तुएं पहले ईरान तक और वहां से नए सड़क एवं रेल मार्ग से अफगानिस्तान तक जल्दी ले जाने में मदद मिलेगी।
नितिन गडकरी ने कहा कि ईरान के पास प्राकृतिक गैस और बिजली सस्ती कीमत में मौजूद है और भारतीय कंपनियां 50 लाख टन के एल्यूमीनियम स्मेल्टर संयंत्र एवं यूरिया विनिर्माण की इकाइयां स्थापित करना चाहती हैं।
नाल्को एल्यूमीनियम स्मेल्टर स्थापित करेगी जबकि निजी एवं सहकारी उर्वरक कंपनियों यूरिया संयंत्र बनाना चाहती हैं यदि उन्हें दो डॉलर प्रति एमएमबीटीयू से सस्ती दर पर गैस मुहैया कराई जाए। चाबहार में रेल लाईन का निर्माण रेलवे की पीएसयू इरकॉन करेगी जिससे अफगानिस्तान तक सीधे सामान पहुंचाने में मदद मिलेगी।