ब्यूरो,
अमेरिका में यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया लॉस एंजिलिस में कल हुई गोलीबारी के मामले में एक नया खुलासा हुआ है। गोली चलाने वाला शख़्स एक भारतीय अमेरिकी था। वह आईआईटी ग्रेजुएट था। उसने पहले एक प्रोफेसर को गोली मारी फिर खुद को गोली मारकर आत्महत्या कर ली।
‘लॉस एंजिलिस टाइम्स’ के मुताबिक आईआईटी खड़गपुर के छात्र रहे सरकार ने कल आत्महत्या करने से पहले यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया लॉस एंजिलिस (यूसीएलए) के एक छोटे कार्यालय में प्रोफेसर विलियम क्लुग की गोली मार कर हत्या कर दी। इस पूर्व शोधछात्र के पास से एक ‘किल लिस्ट’ भी बरामद की गयी है। मैनक ने प्रोफेसर पर अपना कंप्यूटर कोड चुराकर उसे किसी दूसरे को देने का आरोप लगाया था।
10 मई को सरकार ने लिखा था, “जब आप एक प्रोफेसर के बारे में सोचते हैं, तो यूसीएलए प्रोफेसर विलियम क्लुग उस तरह के नहीं हैं। वह बहुत ही बीमार व्यक्ति हैं। यूसीएलए आने वाले प्रत्येक नए छात्र से, मैं इस व्यक्ति से दूर रहने का आग्रह करता हूं।” अखबार ने कहा है कि 39 वर्षीय क्लुग मैकेनिकल एवं एयरोस्पेस इंजीनियरिंग के एसोसिएट प्रोफेसर थे और महीनों से सोशल मीडिया पर सरकार के गुस्से के निशाने पर थे।
गोलीबारी के बाद कैंपस को पूरी तरह से बंद कर फेडरल एजेंट्स सहित सैकड़ों पुलिस अधिकारियों को वहां तैनात कर दिया गया था। आत्महत्या को अंजाम देने वाले ने अपने मिनेसोटा स्थित घर पर एक ‘हत्या सूची’ छोड़ी थी, जिससे अधिकारियों को एक महिला का शव बरामद करने में मदद मिली। स्थानीय मीडिया के अनुसार पुलिस प्रमुख चार्ली बेक ने बताया कि मैनक सरकार (38) दो बंदूकों के साथ यूसीएलए पहुंचा था और प्रोफेसर बिल क्लुग की हत्या की और फिर खुद की जान ली।
उन्होंने कहा कि जब अधिकारियों ने सरकार के घर की तलाशी ली तो उन्हें ‘हत्या सूची’ मिली, जिनमें एक और प्रोफेसर एवं एक महिला का नाम था। इस महिला का शव मिनेसोटा के निकट बरामद किया गया। दूसरा प्रोफेसर सही-सलामत है। पुलिस इस मामले को मानसिक मुद्दे के तौर पर भी देख रही है।
गौरतलब है की हत्या और आत्महत्या की यह घटना कल सुबह करीब 10 बजे यूसीएलसी परिसर के इंजीनियरिंग स्कूल में हुई। यूनिवर्सिटी में पूरे दिन की सभी कक्षाएं रद्द कर दी गईं। यूसीएलए कैंपस में 43000 छात्र पंजीकृत हैं।