न्यूज़ डेस्क | navpravah.com
अमेरिका के राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रम्प के प्रशासन के एक अधिकारी ने भारत में धार्मिक स्वतंत्रता को लेकर सवाल खड़ा कर दिया है। इंटर्नैशनल रिलिजियस फ़्रीडम के ऐम्बैसडर सैम्यूअल ब्राउनबैक ने भारत की धार्मिक स्वतंत्रता की स्थिति को लेकर चिंता व्यक्त की। उन्होंने इस सम्बन्ध में ये बातें इंटर्नैशनल रिलीजियस फ़्रीडम २०१९ की रिपोर्ट आने के बाद कही।
सैम्यूअल ने भारत की वर्तमान स्थिति के मद्देनज़र अपना मत व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि भारत का इतिहास बेहद समृद्ध रहा है, ऐसे में भारत में कोरोना प्रसार के लिए मुस्लिमों को ज़िम्मेदार ठहराना बिल्कुल ग़लत है। उन्होंने कहा कि भारत में हमेशा से अन्य धर्म के लोगों की इज़्ज़त होती रही है।
इंटर्नैशनल रिलीजियस फ़्रीडम २०१९ की रिपोर्ट अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पोंपियो ने जारी किया। ये रिपोर्ट हर साल दुनियाभर के देशों में धार्मिक अधिकारों को लेकर बनाई जाती है। हालाँकि इसके पहले भी भारत इनके रिपोर्ट्स को ख़ारिज करती रही है। भारत ने कहा था कि किसी विदेशी सरकार के पास भारत की धार्मिक स्वतंत्रता के बारे में गहरी पड़ताल का क्या तरीका मौजूद है। भारत में धार्मिक आज़ादी का अधिकार संविधान प्रदत्त है।
इस सम्बन्ध में सैमुअल ब्राउनबैक ने पत्रकारों से बातचीत में कहा है कि भारत मुख्य रूप से चार धर्मों के लोग रहते हैं। उन्होंने भारत में घटनाओं को लेकर चिंता व्यक्त की। भारत का इतिहास अन्य धर्मों के सम्मान के मामले में शानदार रहा है, लेकिन इस वक्त हम लोग ढेर सारी परेशानियां देख रहे हैं। सैम्यूअल ने कहा कि मैं सोचता हूं कि भारत में अंतरधार्मिक संबंधों पर बातचीत की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि अगर इस मामले पर गम्भीरता से विचार न किया गया, तो भविष्य में हिंसक घटनाओं में इज़ाफ़ा भी हो सकता है।