पुणे-मुम्बई के बीच यात्रा करने वालों के लिए अच्छी ख़बर

न्यूज़ डेस्क | नवप्रवाह न्यूज़ नेटवर्क

पुणे- मुंबई एक्सप्रेस वे की दूरी कम करने के लिए महाराष्ट्र राज्य सड़क विकास महामंडल (एमएसआरडीसी) द्वारा खोपोली एग्जिट के करीब वैकल्पिक मार्ग तैयार किया जा रहा है। इसके पूरा होने के बाद दोनों शहरों की दूरी और छह किलोमीटर तक घट जाएगी। मुंबई से पुणे की बीच की दूरी कम करने वाले मिसिंग लिंक परियोजना की रफ्तार बढ़ गई है। इसके पूरा होने के बाद एक्सप्रेस वे से सफर करने वाले वाहन चालकों का करीब 20 से 25 मिनट का समय बचेगा। इसके साथ ही ईंधन की भी बचत होगी।

मौजूद समय में पुणे- मुंबई हाइवे के खोपोली एक्जिट से सिंहगढ़ इंस्टीट्यूट के बीच की दूरी 19 किमी है। यह मार्ग बन जाने के बाद 19 किमी की दूरी घटकर 13।3 किमी हो जाएगी। एमएसआरडीसी द्वारा 13.3 किमी मार्ग पर दो टनल, दो वाया डेक और आठ लेन का मार्ग तैयार किया जा रहा है। अब तक करीब 1।5 किमी लंबी टनल तैयार कर ली गई है। मिसिंग लिंक के तहत दो टनल का निर्माण कार्य तेजी से चल रहा है। दो टनल में से पहली टनल की खुदाई का काम मुंबई की ओर से 1700 मीटर पूरी हो गई है, जबकि पुणे की ओर से हो रही दूसरे टनल की खुदाई का काम 1200 मीटर हो चुकी है।

मुंबई और पुणे के बीच 10।55 किमी लंबी टनल का निर्माण कार्य किया जा रहा है। मिसिंग लिंक इस परियोजना के अंतर्गत अत्याधुनिक केबल ब्रिज, खालापुर टोल से खोपोली एग्जिट तक 8 लेन का रास्ता और 2 टनल होंगे। इस परियोजना के अंतर्गत बनाई जा रही केबल ब्रिज की लंबाई 645 मीटर और ऊंचाई 135 मीटर होगी। मुंबई-पुणे एक्सप्रेस वे और मुंबई-पुणे नेशनल हाईवे -4 खालापुर टोल प्लाजा के पास आकर मिलते हैं। वहीं खंडाला एग्जिट के पास आकर अगल हो जाते हैं। आडोशी टनल से खंडाला एग्जिट का रास्ता 6 लेन वाला होने के साथ ही यहां पर 10 लेन वाली वाहनों का ट्रैफिक आकर मिलता है।

इसी के साथ ही इसी हिस्से में घाट सेक्शन ज्यादा रहने के कारण चढ़ाव और उतार वाले रास्ते अधिक हैं। ऐसे में मॉनसून के दौरान हर साल भूस्खलन की घटनाएं लगातार सामने आती रहती हैं, जिसके चलते मुंबई की ओर आने वाली पहाड़ों से सटी एक लाइन मॉनसून के दौरान बंद कर दी जाती है। इसे ध्यान में रखते हुए मुंबई-पुणे एक्सप्रेस वे पर खोपोली एग्जिट से कुसगांव के बीच 13।3 किमी के मिसिंग लिंक का काम एमएसआरडीसी कर रही है। दो प्रमुख शहरों की दूरी कम करने वाले प्रॉजेक्ट का काम तीन वर्ष के भीतर पूरा करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। मुंबई से पुणे के बीच रोजाना हजारों वाहनों का आनाजाना होता हैं । ऐसे में इस परियोजना लोगों के समय के साथ ईंधन की भी बचत होगी।

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