संवाददाता | navpravah.com
गाँधीनगर | प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दो दिन के गुजरात दौरे पर हैं। आज सुबह उन्होंने जामनगर में बेट द्वारका मंदिर में पूजा किया और फिर उन्होंने अरब सागर पर बने देश के सबसे लंबे केबल आधारित पुल ‘सुदर्शन सेतु’ का उद्घाटन किया। यह पुल 2.32 किलो मीटर लंबा पुल है, जिसको बनाने में लगभग 980 करोड़ रुपए लगें हैं। ये पुल ओखा मुख्य भूमि को बेट द्वारका द्वीप से जोड़ता है।
यह पुल कई खूबियों से लैस है, आइए जानते हैं इसकी खासियत-
1. लक्षद्वीप के लोगों को भी मिलेगा फायदा-
इस पुल को बनाने के लिए 2016 में केंद्र सरकार ने मंजूरी दी थी और साल 2017 में पीएम ने इसकी नींव रखी थी। ये लक्षद्वीप के लोगों को देश से जोड़ेगा।
2. गीता से श्लोकों पे आधारित-
सुदर्शन सेतु एक अद्वितीय डिजाइन को प्रदर्शित करता है, जिसमें दोनों तरफ श्रीमद्भगवद गीता के श्लोकों और भगवान कृष्ण की छवियों से सुसज्जित एक पैदलपथ है।
3. बिजली उत्पादन में भी मददगार-
इसके पैदल पथ के ऊपरी हिस्सों में सोलर पैनल लगाए गए है जिससे एक किलोवाट तक की बिजली पैदा कर सकते हैं।
4. आवाजाही में सुगमता-
इस सेतु से वाहनों की आवाजाही और सुगम होगी और द्वारका एवं बेयत-द्वारका मार्ग के बीच यात्रा करने वाले भक्तों के समय में काफी कमी करेगा।
5. आकर्षक पर्यटक केंद्र-
यह प्रतिष्ठित सेतु देवभूमि द्वारका के प्रमुख पर्यटक आकर्षण के रूप में भी कार्य करेगा।
6. मजबूत आर्किटेक्चर का उदाहरण-
पुल का डेक कंपोजिट स्टील-रिइनफोर्स्ड कंक्रीट से बना है जिसमें 900 मीटर का सेंट्रल डबल स्पैन केबल-स्टैंड वाला हिस्सा और 2.45 किमी लंबी एप्रोच रोड शामिल है. चार लेन वाले 27.20 मीटर चौड़े पुल की प्रत्येक साइड पर 2.50 मीटर चौड़े फुटपाथ हैं।
7. नाम में बदलाव-
पहले इस पुल का नाम सिग्नेचर पुल रखा गया था लेकिन फिर बाद इसे ‘सुदर्शन पुल’ कर दिया गया।