नृपेन्द्र मौर्य | navpravah.com
नई दिल्ली | किसानों के आंदोलन को बढ़ता देख दिल्ली पुलिस ने दिल्ली के सिंघू और टिकरी बॉर्डर को सील कर दिया था। ‘दिल्ली मार्च’ के ऐलान को देखते हुए दोनों ही बॉर्डर पर आवाजाही बंद कर दी गई थी। पुलिस ने शनिवार को दोनों बॉर्डर खोल दिए।
किसानों ने ‘दिल्ली चलो’ कूच को 29 फरवरी तक टालने का फैसला किया है, जिसके चलते पुलिस ने ये फैसला किया। फसलों के लिए एमएसपी की कानूनी गारंटी और कृषि ऋण माफी सहित अपनी विभिन्न मांगों को लेकर हजारों किसान ट्रैक्टर-ट्रॉलियों और ट्रकों के साथ खनौरी और शंभू सीमा पर डेरा डाले हुए हैं।
किसान नेताओं ने शुक्रवार को ये ऐलान किया कि वे अपने अगले कदम का फैसला 29 फरवरी को लेंगे। उन्होंने ऐलान किया की इससे पहले वे ‘कैंडल मार्च’ निकलेंगे और फिर केंद्र सरकार का पुतला भी फूकेंगे।
नवप्रवाह ने किसान आंदोलन में सक्रिय एक किसान से बात की, जिससे पता चलता है कि किसानों और सरकार के बीच कौन सा पेंच फँस रहा है।
1. सरकार ने दो साल पहले लिखित आश्वासन दिया था कि वे किसानों की मांगों को पूरा करेंगे लेकिन आज भी सरकार उस को पूर्ण नहीं कर रही है। किसानों को आंदोलन करने का अधिकार और वे आंदोलन कर रहे हैं।
2. अगर स्वामीनाथन को भारत रत्न दे सकते हैं, तो उनके रिपोर्ट को लागू क्यों नहीं किया जा सकता। सरकार उसे वेबसाइट से भी डिलीट कर चुकी है। किसानों की मांग है कि स्वामीनाथन की रिपोर्ट को लागू किया जाए, जिससे देश उन्नति करे।
3. विश्व व्यापार संगठन (W.T.O.) के कुछ कानून किसानों को बहुत कम सब्सिडी देने की बात करते हैं, जो किसानों के विरोध में हैं। इसी वजह से भारत के किसान इसके विरोध में है और ये भारत के लिए भी नुकसान दायक हो सकता है।
4. देश में सबसे ज्यादा हरियाणा और पंजाब के किसानों को एमएसपी मिलती है और वे देश के अन्य किसानों के अपेक्षाकृत ज्यादा संपन्न है, उन्हे डर है कि एमएसपी हटेगी तो उनको नुकसान होगा।
5. किसानों की मांग न्याय को लेकर भी है, वे केंद्रीय मंत्री के बेटे आशीष मिश्र द्वारा किसानों के कुचलकर हत्या करने का आरोप लगाते हैं और उसे सजा देने की मांग कर रहे हैं। वे अजय मिश्र का भी इस्तीफा मांग रहे हैं। उनके हिसाब से वे न्याय की मांग कर रहे है, जो आवश्यक भी है।
इन सभी मांगों और आंदोलन के बीच सबसे जरूरी बात ये है कि ये आंदोलन चलेगा कब तक, क्योंकि लोकसभा चुनाव भी बेहद नजदीक है और जनता को इससे रोज परेशानियों का सामना करना पड़ रहा हैं।