ब्यूरो | नवप्रवाह न्यूज़ नेट्वर्क
दिल्ली में रहने वाले ठीक से साँस नहीं ले पा रहे हैं। प्रदूषण का स्तर लगातार बढ़ता जा रहा है। साँस का संकट ऐसा गहरा रहा है कि सरकार को आगे आकर मुहिम चलानी पड़ रही है। वहीं प्रश्न यह भी उठाया जा रहा है कि जब हर साल यही हाल होता है, तो सरकार आवश्यक एहतियात क्यों नहीं बरतती!
दिल्ली एनसीआर में बढ़ते प्रदूषण से लगातार सांसों का संकट गहराता जा रहा है। गुरुवार सुबह भी दिल्ली-एनसीआर के लोगों की सुबह धुंध (स्मॉग) के साथ हुई। इसके साथ ही दिल्ली की हवा भी खराब श्रेणी में बनी हुई है।
आज सुबह दिल्ली के आईटीओ में वायु गुणवत्ता स्तर 254 और पटपड़गंज में 246 मापा गया। यह दोनों ही खराब श्रेणी में आते हैं। राजपथ पर सुबह साइकिल से सैर करने वाले कुछ लोगों ने बताया कि, हमें साइकलिंग के वक्त सांस लेने में तकलीफ होती है। अगस्त और अब की हवा में बहुत अंतर है जो हम महसूस कर पा रहे हैं।
सरकार ने गाड़ी चलाने वालों से सिग्नल पर गाड़ी बंद रखने का आग्रह किया है, ताकि प्रदूषण के स्तर को कुछ कम किया जा सके, लेकिन क्या यह कदम पर्याप्त है। यह अभी भी एक बड़ा सवाल बना हुआ है।