ब्यूरो | Navpravah Desk
दिल्ली अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष ज़फ़र-उल-इस्लाम ख़ान अपने विवादित ट्वीट के चलते भारी परेशानी में आ गए हैं। उनके विवादित पोस्ट मामले में कार्रवाई करते हुए दिल्ली पुलिस ने उनका लैप्टॉप जमा करने को कहा था। ज़फ़र ने स्पष्ट किया कि उन्होंने पुलिस को लैप्टॉप सौंप दिया।
ज़फ़र ने अपने विवादित ट्वीट के बारे में कहा कि उन्होंने जो पोस्ट किया है, उसको लेकर आज भी अडिग हैं। उन्होंने कहा कि उन्होंने जो लैप्टॉप जमा किया है, वो दबाव की वजह से किया है। क्योंकि ट्वीट या किसी तरह का सोशल मीडिया पोस्ट वो मोबाइल से करते हैं, ऐसे में लैप्टॉप जमा करवाने के आदेश का मतलब समझ में नहीं आया।
ग़ौरतलब है कि वसंत कुंज के एक निवासी की शिकायत पर ख़ान के खिलाफ 30 अप्रैल को भारतीय दंड संहिता की धारा 124ए और 153ए के तहत मामला दर्ज किया गया था। पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि खान को ”विवादित” सोशल मीडिया पोस्ट करने में इस्तेमाल किया गया अपना लैपटॉप सौंपने के लिये अपराध प्रक्रिया संहिता की धारा 91 के तहत नोटिस भेजा गया था।
ज़फ़र खान ने ‘पीटीआई-भाषा’ को फोन पर बताया, ”मुझे ट्विटर और फेसबुक पोस्ट करने में इस्तेमाल किये गए लैपटॉप को जमा करने के लिए शनिवार को दिल्ली पुलिस का नोटिस मिला। मैंने आज अपना लैपटॉप पुलिस को सौंप दिया। लेकिन, मैंने लिखित रूप से कहा है कि मैं दबाव में यह सब कर रहा हूं, क्योंकि लैपटॉप में ट्वीट या सोशल मीडिया पोस्ट का कोई रिकॉर्ड नहीं है और यह केवल ऑनलाइन है।