न्यूज़ डेस्क | navpravah.com
हमारे देश में राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस ११ मई को मनाया जाता है। ११ मई भारत के लिए एक बेहद ख़ास दिन है। आज ही के दिन भारत ने तकनीकी के क्षेत्र में अपना झंडा गाड़ दिया था। आज का दिन 1998 के ‘पोखरण परमाणु टेस्ट’ और अंतरिक्ष में भारत की बड़ी प्रगति के रूप में इतिहास में दर्ज है। भारत ने आज ही के दिन ऑपरेशन शक्ति मिसाइल को सफलतापूर्वक फायर किया था।
भारत ने अपने परीक्षण से दुनिया को दिखा दिया कि वह विश्व के किसी भी विकसित देश से कदम से कदम मिलाकर चल सकता है। पूरी दुनिया में होने वाले न्यूक्लियर खेल को भारत ने अपने इस परीक्षण से पूरी तरह पलट दिया। डॉक्टर एपीजे अब्दुल कलाम और पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की बदौलत भारत ने पश्चिमी शक्तियों के कभी न खत्म होने वाले प्रभुत्व को चुनौती दी।
11 मई 1998 की सुबह थार के रेगिस्तान में पोखरण के खेतोलाई गांव के पास भारत ने अपना परमाणु परीक्षण किया था। व्हाइट हाउस नाम से बनाये शाफ्ट में धमाका हुआ। भारत ने 58 किलो टन क्षमता के परमाणु बम का परीक्षण करके सभी को चौंका दिया था। यह अमेरिका की ओर से दूसरे विश्व युद्ध के दौरान जापान के हिरोशिमा में गिराए गए परमाणु बम लिटिल बॉय से चार गुना अधिक शक्तिशाली था। दुनिया भारत के इस कारनामे से अंजान थी, लेकिन भारत कमाल कर चुका था।
इस परीक्षण के बाद तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेयी ने भारत को परमाणु सम्पन्न देश घोषित किया। इसके बाद भारत परमाणु क्लब देशों में शामिल होने वाला छठवाँ देश बना। इसकी वजह से सन १९९९ से भारत में ११ मई को राष्ट्रीय तकनीकी दिवस (नेशनल टेक्नॉलजी डे) के रूप में मनाया जाता है।
इसके अलावा भी भारत ने कई सफल परीक्षण किए-
• भारत ने राष्ट्रीय एयरोस्पेस प्रयोगशाला, बेंगलुरु द्वारा विकसित अपने पहले स्वदेशी विमान ‘हंसा 3’ का भी सफलतापूर्वक परीक्षण किया।
• भारत के रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) ने भारत की सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल त्रिशूल का सफल परीक्षण करके इस दिन की उपलब्धि में चार चांद लगा दिए। यह सेना और नौसेना द्वारा शामिल किया गया और भारत निर्देशित मिसाइल विकास कार्यक्रम का एक हिस्सा बन गया।