सौम्या केसरवानी। Navpravah.com
गुजरात चुनाव के नतीजे आने से तीन दिन पहले सुप्रीम कोर्ट पहुंची कांग्रेस को झटका लगा है। कोर्ट ने मतगणना में दखल देने से इनकार करते हुए पार्टी की याचिका को खारिज कर दिया है। कांग्रेस के सचिव ने सुप्रीम कोर्ट में वीवीपैट की 25 प्रतिशत पर्चियों के वोटों से मिलान के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाई थी। कांग्रेस की मांग थी कि शीर्ष कोर्ट चुनाव आयोग को इस बारे में निर्देश दे।
गुजरात चुनाव के पहले और दूसरे चरण में कई जगहों पर ईवीएम में खराबी की खबरें आई थी। विपक्ष लगातार इस बात को उठाता रहा है कि ईवीएम के साथ छेड़छाड़ हो रही है और ईवीएम को हैक करके नतीजों को प्रभावित करने की कोशिश की जा रही है।
गुजरात में पहले चरण की वोटिंग के दौरान भी कांग्रेस की ओर से उसके नेता अर्जुन मोढवाडिया ने दावा किया था कि पोरबंदर के मुस्लिम बहुल इलाके मेमनवाड़ा के तीन मतदान केंद्रों में इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनें ब्लूटूथ के जरिए बाहरी उपकरणों से जुड़ी हुई हैं। हालांकि मुख्य चुनाव अधिकारी (सीईओ) बीबी स्वाइन ने कांग्रेस की इस शिकायत को ये कहते हुए खारिज कर दिया था कि एक मतदान एजेंट के पास मोबाइल फोन था, जिस पर ‘ईसीओ 105’ मॉडल नंबर के तौर पर अंकित था, इसमें शिकायतकर्ता ने ईसी को चुनाव आयोग समझ लिया।
गुरुवार को मतदान खत्म होने के बाद आए ज्यादातर एग्जिट पोल्स में गुजरात में बीजेपी की जीत का अनुमान लगाया गया है। इसके पहले पाटीदार नेता हार्दिक पटेल ने ईवीएम में गड़बड़ी की आशंका जताते हुए कहा है कि एग्जिट पोल्स में बीजेपी की जीत इसलिए दिखाई जा रही है कि नतीजे आने पर ईवीएम पर सवाल खड़ा न किया जा सके।
ईवीएम को लेकर उठ रहे सवालों के मद्देनजर ही गुजरात के चुनाव में इस्तेमाल की गईं सभी EVMs को VVPAT मशीनों से जोड़ा गया था। इस मशीन के जरिए मतदाता को यह सुनिश्चित करवाया जाता है कि उसने EVM पर जिस प्रत्याशी को वोट दिया है, वास्तव में वोट उसी को गया है। मशीन के डिस्प्ले पर उसी प्रत्याशी के नाम की पर्ची नजर आती है और फिर वह पर्ची मशीन में रह जाती है और गड़बड़ी की आशंका में इन पर्चियों का इस्तेमाल किया जा सकता है।