एनपी न्यूज़ डेस्क | Navpravah.com
आज से शुरू हुए शीतकालीन सत्र में मोदी सरकार द्वारा तीन तलाक विधेयक को मंजूरी दे दी गई है। इस विधेयक में तीन तलाक को गैर जमानती बताया गया है। इस बिल को सरकार अगले हफ्ते सदन में पेश करेगी।
आपको बता दें कि इस बिल में अब तीन तलाक देने वालों को 3 साल तक के कारावास की सजा का प्रावधान है। यह कानून सिर्फ तीन तलाक पर ही लागू होगा। सरकार ने इस विधेयक को “द मुस्लिम वीमेन प्रोटेक्शन ऑफ राइट्स इन मैरिज एक्ट” का नाम दिया है। अब से कोई भी मुस्लिम आदमी मुस्लिम औरत को तीन तलाक देगा, तो इसे गैर क़ानूनी माना जाएगा।
केंद्र सरकार इस विधेयक के लिए काफी लंबे समय से तैयारी कर रही थी। सरकार ने इस विधेयक को 1 दिसंबर को तैयार कर लिया था और इस विधेयक के लिए सुझाव 10 दिसंबर तक मांगे थे। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद ही देश में तीन तलाक के बहुत से मामले सामने आए थे। तीन तलाक के इस विधेयक को झारखण्ड, बिहार, मध्यप्रदेश, महारष्ट्र, मणिपुर, उत्तरप्रदेश जैसे कई बड़े राज्यों का समर्थन मिला है।
तीन तलाक, मौखिक, लिखित और मैसेज चाहे किसी तरीके से भी दिया गया हो, उसे गैरकानूनी माना जाएगा। इसके लिए सजा के तौरपर 3 साल और जुर्माना या दोनों भी हो सकता है। इस सजा के लिए जुर्माना मजिस्ट्रेट तय करेगा।
अब इस मुद्दे को देखते हुए मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने भी बैठक बुलाई है। वहीं मुस्लिम संगठनों ने केंद्र सरकार के तीन तलाक के विधेयक और इसपर सजा के प्रावधान का पुरजोर विरोध किया है। कई मुस्लिम संगठनों ने इसे मुस्लिम धर्म में दखल अंदाजी बताया है।