एनपी न्यूज़ डेस्क | Navpravah.com
बुधवार को लोकसभा में विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने हिंदी भाषा को संयुक्त राष्ट्र में आधिकारिक भाषा बनाने के मुद्दे पर अपनी बात रखी। इस पर कांग्रेस नेता शशि थरूर ने ऐतराज जताते हुए कहा कि भविष्य में भारत के प्रधान मंत्री या विदेश मंत्री तमिलनाडु से हो सकते हैं। इसके बाद दोनों पार्टियों के नेताओं में लम्बी नोंक-झोंक चलती रही। अंततः शशि थरूर के इस मुद्दे पर सवाल उठाये जाने के बाद सुषमा स्वराज ने उन्हें अज्ञानी कह दिया।
विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने लोकसभा में बोलते हुए कहा कि संयुक्त राष्ट्र में लोग ऐसा क्यों कहते हैं कि हमारी राष्ट्रभाषा हिंदी आधिकारिक भाषा नहीं है। उन्होंने कहा कि मैं सदन को बताना चाहूंगी कि इसमें सबसे बड़ी बाधा इसकी प्रक्रिया है। हमें 193 देशों के संगठन में से 129 देशों को भाषा को अधिकारिक बनाने के लिए अपने पक्ष में वोट करवाना होगा, इसके लिए वित्तीय लागत भी साझा करनी होगी। आर्थिक रूप से कमजोर देश इस समर्थन प्रक्रिया से दूर भागते हैं, हमें उन्हें साथ लाना होगा।
सुषमा के इस मुद्दे पर शशि थरूर ने तंज कसते हुए कहा कि हमारे देश के प्रधानमंत्री या विदेश मंत्री तमिलनाडु से भी हो सकते हैं। जिन्हे हिंदी बोलने की समस्या हो सकती है, प्रश्न यह है कि इससे क्या प्राप्त होगा? भारतीय प्रधानमंत्री और विदेश मंत्री फिलहाल हिंदी में भाषण देना पसंद करते हैं। उन्होंने कहा, “सरकार को अपनी स्थिति स्पष्ट करनी है। मैं हिंदी भाषी क्षेत्र के लोगों के गर्व को समझ सकता हूं, लेकिन इस देश के लोग जो हिंदी नहीं बोलते हैं, वे भी भारतीय होने पर गर्व महसूस करते हैं।”