Political desk | Navpravah.com
महाराष्ट्र में राजनीतिक हलचल एक बार फिर तेज हो गई है। मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के बंगले ‘वर्षा’ में महाअघाड़ी की बैठक जारी है। महाराष्ट्र में शिवसेना की सहयोगी पार्टी के मुखिया शरद पवार 25 मई को प्रदेश के राज्यपाल से मिले उसी दिन भाजपा नेता नारायण राणे भी राज्यपाल से मिले, जिसकी वजह से सरकार में तनाव की स्थिति बनी हुई है। इसी वजह से आज मुख्यमंत्री के बंगले पर सहयोगी दलों की बैठक जारी है।
कल (मंगलवार) शाम को एक प्रेस वार्ता के दौरान पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने एक सवाल के जवाब में कहा कि सरकार स्वास्थ्य व्यवस्था में फ़ेल हो चुकी है और समझ नहीं पा रही कि करना क्या है। देवेंद्र फडणवीस ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा था कि, ‘राज्य सरकार अभी भी केंद्र की ओर से उपलब्ध कराई गई आर्थिक मदद भी खर्च नहीं कर पाई है। मैं यह समझ ही नहीं पा रहा हूं कि राज्य सरकार की प्राथमिकता क्या है, आज राज्य को सकारात्मक नेतृत्व चाहिए। मैं आशा करता हूं कि उद्धव ठाकरे उचित फैसले लेंगे।
राज्य में कोरोना वायरस के बढ़ते आँकड़े को देखते हुए भाजपा ने राष्ट्रपति शासन लागू करने की मांग की है। इस बैठक को अब पूरे घटनाक्रम से जोड़कर देखा जा रहा है। अब इस सियासी घमासान में शिवसेना का मुखपत्र सामना भी सामने आ गया है। मुखपत्र के सम्पादकीय में राज्यपाल पर तंज कसा गया है। सम्पादकीय में मीडिया पर भी सवाल उठाया गया है।
हालाँकि शरद पवार पहले ही राज्यपाल से हुई मुलाक़ात को शिष्टाचार भेंट बता चुके हैं। उन्होंने कहा कि इस बैठक का राजनीतिकरण करने की ज़रूरत नहीं है। यह बिल्कुल सामान्य और शिष्टाचार मुलाक़ात थी।