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आज स्वदेशी विमान तेजस को दूसरे स्क्वाड्रन वायुसेना में शामिल कर लिया गया है। इस स्क्वाड्रन का नाम “फ़्लाइंग बुलेट्स” होगा। एयर चीफ मार्शल आर के एस भदौरिया ने सुलूर एयरबेस से तेजस में उड़ान भर इसकी शुरुआत की।
IAF Chief Air Chief Marshal RKS Bhadauria today flew the Light Combat Aircraft Tejas fighter with 45 Squadron at Air Force Station Sulur. He flew the single-seater LCA. pic.twitter.com/Edu0X3hMEW
— ANI (@ANI) May 27, 2020
एयर चीफ मार्शल भदौरिया अब तक राफेल फ़ाइटर प्लेन समेत 28 से भी अधिक तरह के लड़ाकू और परिवहन विमानों को उड़ा चुके हैं। एयर मार्शल भदौरिया प्रायोगिक टेस्ट पायलट होने के साथ कैट ‘ए’ कैटेगरी के क्वालिफाइड फ्लाइंग इंस्ट्रक्टर और पायलट अटैक इंस्ट्रक्टर भी हैं।
तमिलनाडु के कोयंबटूर के पास सुलूर एयरफोर्स स्टेशन पर यह उड़ान भरी गई। यह स्क्वाड्रन एलसीए तेजस विमान से लैस है। भारतीय वायु सेना की यह दूसरी स्क्वाड्रन है जिसमें तेजस विमान हैं। भारतीय वायु सेना ने पहले ही 40 तेजस विमानों का ऑर्डर दिया है और जल्दी ही एचएएल को 83 और विमानों का ऑर्डर दिया जा सकता है जिसमें लगभग 38,000 करोड़ रुपये खर्च होंगे।
तेजस 4th जनरेशन का फ़ाइटर प्लेन है जिसे एयरोनॉटिकल डेवलपमेंट एजेंसी और हिंदुस्तान एरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) द्वारा विकसित किया गया है।
यह भारत की 18वीं वायुसेना स्क्वाड्रन है जिसे 1965 में स्थापित किया गया था। इस स्क्वाड्रन का ध्येय वाक्य ‘तीव्र और निर्भय’ है। पाकिस्तान के साथ 1971 के युद्ध में अत्यंत सक्रिय भूमिका अदा करने वाली इस स्क्वाड्रन को 15 अप्रैल 2016 को सेवा मुक्त कर दिया गया था और इससे पहले इसमें मिग-27 विमान शामिल थे। स्क्वाड्रन को एक अप्रैल 2020 को पुनः शुरू किया गया। इस स्क्वाड्रन को नवंबर 2015 में राष्ट्रपति द्वारा ध्वज प्रदान किया गया था।