राजेश सोनी | Navpravah.com
मायावती ने आज लखनऊ में एक जनसभा को संबोधित करते हुए भाजपा पर आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि भाजपा के शासन में राजनीतिक द्वेष, जातिगत, साम्प्रदायिक व पक्षपात के आधार पर क़ानून का धड़ल्ले से ग़लत इस्तेमाल होता रहा है, इस वजह से भाजपा आमजनता के लिए एक बड़ा सरदर्द साबित हो रही है।
मायावती ने इस सभा में योगी सरकार के द्वारा महाराष्ट्र के मकोका कानून के तरह लाए जा रहे यूपीकोका कानून का भी विरोध किया। मायावती का कहना है कि योगी सरकार इस कानून का इस्तेमाल सर्वसमाज के गरीबों, दलितों, पिछड़ों व धार्मिक अल्पसंख्यकों के दमन के लिए करेगी। इस वजह से बसपा इस कानून का विरोध करती है और इसे जनहित में वापस लेने का फैसला करती है। मायावती ने आगे उत्तरप्रदेश की योगी सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश में पूरी तरह इस समय जातिगत राजनीति समाज पर हावी है, जिसके कारण उत्तरप्रदेश में कानून का गलत इस्तेमाल किया जा रहा है। इसके तहत निर्दोष दलितों व् पिछड़ों पर जुल्म-ज्यादती कर इन्हें गलत मुकदमों में फँसाकर सलाख़ों के पीछे भेजा जा रहा है।
मायावती यहीं नहीं रुकी, उन्होंने इस जान सभा में योगी सरकार पर आरोपों की झड़ी सी लगा दी। उन्होंने आगे योगी सरकार पर आरोप लगाया कि अब तक यह बीजेपी सरकार अपराधियों व माफियाओं पर नियन्त्रण करने के नाम पर केवल जाति व सम्प्रदाय विशेष के लोगों को ही अपना शिकार बना रही है, जबकि सत्ताधारी पार्टी बीजेपी से जुड़े लोग प्रदेश में हर स्तर पर कानून को हाथ में लेने के साथ-साथ हर प्रकार का संगठित अपराध, गुण्डागर्दी व माफियागिरी कर रहे हैं। लेकिन उनके खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई करने के बजाय, उन्हें हर प्रकार का सरकारी संरक्षण दिया जा रहा है। यह अत्यन्त ही दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति है, जिससे प्रदेश में कानून का राज ना होकर जंगलराज कायम करने की कोशिश है।
गौरतलब है कि मायावती जिस यूपीकोका कानून का आज विरोध कर रही हैं. इसी कानून को मायावती 2007 में बसपा की सरकार में उत्तर प्रदेश में प्रारीत करवाना चाहती थी लेकिन केंद्र से अनुमति न मिलने के कारण मायावती इस कानून को प्रदेश में लागू नहीं करवा पाई थी। राजनितिक मजबूरियों के कारण मायावती इस कानून आज विरोध कर रही हैं