एनपी न्यूज़ डेस्क | Navpravah.com
कैराना में लोकसभा उपचुनाव में रालोद प्रत्याशी तबस्सुम हसन मजबूत उम्मीदवार हैं। इन्हें राजनीति का अच्छा अनुभव है, राजनीति के मैदान में उन्हें मास्टर कहा जाता है।
कैराना की बहू कहलाने वाली तबस्सुम हसन की राजनीति की सबसे बड़ी परीक्षा इस बार है। यहां से उनकी चमक और बढ़ेगी या फिर एक लंबा विराम लगेगा यह तय होगा।
साल 2009 में कैराना सीट से समाजवादी पार्टी की सांसद रह चुकी हैं। उनके पति मुनव्वर हसन 1996 में यहां से सांसद थे और बाद में 2004 में वो बसपा के टिकट पर मुजफ्फरनगर के सांसद बन गये थे।
तबस्सुम के बेटे नाहिद हसन कैराना विधानसभा से समाजवादी पार्टी के विधायक हैं। इस क्षेत्र की तीन बड़ी पार्टियों कांग्रेस, बीएसपी और एसपी से इस परिवार के रिश्ते तीन पीढ़ी पुराने हैं।
2009 में मुनव्वर हसन की पत्नी तबस्सुम हसन बसपा के टिकट पर कैराना लोकसभा सीट से सांसद चुनी गईं, 2014 में लोकसभा सदस्य बनने के बाद जब हुकुम सिंह ने कैराना विधानसभा सीट खाली की तो ये सीट एक बार फिर हसन परिवार के पास आ गई।
उस वक्त मुनव्वर हसन और तबस्सुम हसन के बेटे नाहिद हसन ने सपा के टिकट पर यहां से जीत दर्ज की, 2017 के विधानसभा चुनाव में भी उन्होंने मृगांका सिंह को हराकर यहां जीत दर्ज की थी।
तबस्सुम हसन सिर्फ हाईस्कूल तक पढ़ी हुई हैं। शिक्षा के मामले में तबस्सुम हसन बेशक बहुत ज्यादा पढ़ी लिखी न हों, लेकिन उन्हें राजनीति का लंबा और अच्छा अनुभव है। राजनीति उन्हें विरासत में मिली है।