राजेश सोनी | Navpravah.com
भाजपा ने हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए 50 से अधिक सीटों के जीतने का लक्ष्य रखा था, मगर पार्टी के आतंरिक सर्वे में इसकी संभावना बेहद कम जताई गई है। जानकारी के मुताबिक़, सही समय पर मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार का नाम न घोषित होने की वजह से ऐसा हुआ। उनके अनुसार अगर पार्टी ने टिकट के वितरण के पहले नेतृत्व का मुद्दा सुलझा लिया होता, तो पार्टी निश्चित तौर पर 50 से ज्यादा सीटें जीतती।
बता दें कि इसी स्थिति से निबटने के लिए भाजपा ने 15 दिसंबर को एक बैठक बुलाई है। इस बैठक में पार्टी नेता, पदाधिकारी और कार्यकर्त्ता एग्जिट पोल्स के आधार पर रोडमैप तैयार करेंगे। भाजपा नेता सतपाल सटटी ने इस बैठक की पुष्टि की है, लेकिन कहा कि इस बैठक का कोई एजेंडा नहीं है। उन्होंने आगे कहा कि पार्टी के शीर्ष नेता मतगणना के दिन को लेकर उम्मीदवारों से बात करना चाहते हैं।
हमीरपुर से भाजपा उम्मीदवार नरिंदर ठाकुर का कहना है कि अगर प्रेम कुमार धूमल को सीएम कैंडिडेट नहीं बनाया होता, तो भाजपा की प्रदेश में बड़ी हार होती। धूमल इस बार चुनाव सुजानपुर से लड़ रहे हैं और अपनी हमीरपुर सीट ठाकुर के लिए छोड़ दी थी। हिमाचल प्रदेश के दो बड़े जिलों में कांगड़ा और मंडी में भाजपा को इस बार के चुनाव में अच्छे प्रदर्शन की उम्मीद है। यह हिमाचल प्रदेश की दो सबसे बड़े जिले हैं और इनमें कुल 15 विधानसभा सीटें हैं।