एनपी न्यूज़ डेस्क | Navpravah.com
भारतीय वैज्ञानिकों ने राम सेतु के काल को लेकर अमेरिकी वैज्ञानिकों के दावों पर असहमति जताई है। भारतीय प्रसिद्ध वैज्ञानिक एवं भूगर्भशास्त्री डॉ. राजिव निगम ने रामसेतु विवाद पर कहा कि अमेरिकी वैज्ञानिकों द्वारा किये गए दावों पर विस्तृत शोध की जरुरत है, इसलिए यह कह पाना मुश्किल है कि सेतु कितना पुराना है।
डॉ निगम के अनुसार रामसेतु के निर्माण कार्य में लगा रेत 4000 वर्ष पुराना है, जबकि अमेरिकी वैज्ञानिकों ने दावा किया है कि रामसेतु के पत्थर 7000 वर्ष पुराने हैं। उन्होंने कहा कि यह कतई तर्क संगत नहीं लगता कि सेतु का निर्माण बिना रेत के हुआ हो। ऐसा संभव नहीं लगता कि पत्थर पहले आये हों और रेत बादमें।
गौरतलब है कि अमेरिकी पुरातत्व वैज्ञानिकों ने डिस्कवरी के माध्यम से बताया था कि रामसेतु के पत्थर 7000 वर्ष पुराने हैं और वाहन बिछी रेत 4000 वर्ष पुरानी है। अमेरिकी वैज्ञानिकों ने कहा था कि यह सेतु मानवनिर्मित है और इसमें लगे पत्थर बाहर से लाये गए हैं। अमेरिकी वैज्ञानिकों ने बताया कि सेतु निर्माण में जो चुना पत्थर इस्तेमाल किये गए हैं वह उस क्षेत्र में प्राकृतिक रूप से उपलब्ध नहीं थे, उन्हें कहीं और से लाया गया होगा। डॉ निगम ने बताया कि जहाँ तक तैरने वाले पत्थर हैं वह मुख्य रूप से प्यूमिक पत्थर होते हैं, लेकिन वहां के पत्थरों की अबतक जाँच नहीं हो पाई है।
हालाँकि अबतक रामसेतु पर कोई सही तर्क नहीं निकल पाया है। इसी बात को मध्यनजर रखते हुए डॉ राजिव निगम ने भारत सरकार से मांग की है कि भारतीय वैज्ञानिकों को रामसेतु को शोध करने में मदद की जाए।