एनपी न्यूज़ डेस्क। Navpravah.com
एक निजी चैनल के कार्यक्रम में जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला ने शिरकत की। इस सत्र के दौरान फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि पाकिस्तान को बोली नहीं गोली की भाषा समझ में आती है।
उन्होंने कारगिल जीत में अपनी भूमिका की जानकारी देते हुए कहा कि उन्होंने ही तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को वायुसेना के इस्तेमाल की सलाह दी थी और इसके बाद ही हम करगिल जीते थे। फारूक ने कहा कि कारगिल युद्ध के दौरान वह भी हेलिकॉप्टर से कारगिल और द्रास गए थे। उस दौरान बंकर में वहां के दो ब्रिगेडियर ने उनसे वायुसेना की मदद मांगी थी, इसके बाद वह सीधे कश्मीर से पीएम अटल बिहारी वाजपेयी के घर पहुंचे और वाजपेयी से कहा कि सेना को वायुसेना की मदद पहुंचाई जाए।
फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि युद्ध से भारत और पाकिस्तान के अच्छे रिश्ते नहीं कायम हो सकते, इसके लिए बेहद जरूरी है कि दोनों देश लगातार बातचीत करते रहें, क्योंकि दोनों देशों के बीच विवाद बातचीत से ही सुलझ सकता है। नागरिकता पर हुए सवाल पर फारूक अब्दुल्ला ने उन लोगों को चेतावनी दी, जो उनकी नागरिकता पर सवाल उठाते हैं। लिहाजा, सवाल पर नाराजगी जाहिर करते हुए ऐसे सभी लोगों से कहा कि उनकी नागरिकता पर शक करना गलत है।
फारूक ने आगे कहा कि इससे पहले नेहरू के समय समस्या का हल निकालने की ऐसी कोशिश हुई थी, जब हम बेहद करीब थे, उस वक्त जनरल अयूब खान भारत आने वाले थे, लेकिन नेहरू के इंतकाल की वजह से वह मौका भी हाथ से चला गया।