नृपेंद्र कुमार मौर्य | navpravah.com
दिल्ली हाईकोर्ट ने सीएम केजरीवाल की जमानत और रिहाई पर रोक लगा दी है। हाईकोर्ट ने शुक्रवार शाम ईडी की अर्जी पर फैसला सुरक्षित रखते हुए कहा कि केजरीवाल अभी जेल में ही रहेंगे। इस तरह ट्रायल कोर्ट की ओर से दी गई जमानत को हाईकोर्ट ने 24 घंटे के अंदर ही खारिज कर दिया। अब हाईकोर्ट में एक बार फिर बहस का दौर चलेगा और इस पर दो से तीन दिन में फैसला आ सकता है।
बता दें कि सीएम केजरीवाल को ईडी ने शराब घोटाला मामले में मनी लॉन्ड्रिंग का आरोपी बनाया था। गुरुवार को ट्रायल कोर्ट में वैकेशन जज न्याय बिंदु ने दोनों पक्षों की दलील सुनते हुए सीएम केजरीवाल को जमानत दी थी और यह भी कहा था कि वह 1 लाख के मुचलके पर जमानत पर रिहा हो सकते हैं।
लेकिन शुक्रवार को सुबह ही ईडी ने ट्रायल कोर्ट के फैसले को हाईकोर्ट में दलील दी। हाईकोर्ट में मामला जाते ही कोर्ट ने सबसे पहले केजरीवाल की जमानत पर स्टे लगा दिया और फिर दिन भर जो बहस चली उसके आधार पर शुक्रवार शाम को भी स्टे ऑर्डर पर फैसला सुरक्षित रखा है। इस फैसले का असर ये होगा की सीएम केजरीवाल को अभी तिहाड़ से रिहाई नहीं मिल रही है कोर्ट अब इस विषय पर विस्तृत सुनवाई करेगी और फिर जमानत मिलने और न मिलने पर फैसला होगा। हाईकोर्ट ने अभी स्टे ऑर्डर बरकरार रखा है। ट्रायल कोर्ट के आदेश पर एक हफ्ते तक की रोक लगाई गई है।
कोर्ट ने कही ये बात-
इस दलील पर बेंच ने कहा, ‘तो आप दो-तीन दलीलें दे रहे हैं- ‘आपकी बात नहीं सुनी गई और धारा 45 पीएमएलए पर ठीक से कार्रवाई नहीं की गई और हाईकोर्ट के निष्कर्षों पर विचार नहीं किया गया।’
एएसजी राजू ने कहा, ‘संवैधानिक कुर्सी पर बैठना जमानत का आधार है? इसका मतलब है कि हर मंत्री को जमानत मिलेगी। आप सीएम हैं, इसलिए आपको जमानत मिलेगी ?’
ASG राजू ने कहा, ‘लिखित प्रस्तुतियाँ दाखिल करने के लिए समय नहीं दिया गया यह बिल्कुल भी उचित नहीं है।’ ईडी ने पीएमएलए की धारा 45 का हवाला दिया है। ASG ने कहा, ‘इसमें ज़रूरी शर्त है कि कोर्ट ज़मानत अर्जी पर सुनवाई करते हुए सरकारी वकील को अपनी दलील रखने का पूरा मौका देता है. पर इस केस में ऐसा नहीं हुआ। हमें निचली अदालत ने ज़मानत का विरोध करने का पूरा मौका नहीं दिया। ASG ने कहा कि केजरीवाल की तरफ से कभी भी असल मुद्दे नहीं उठाए गए, लेकिन जवाब में उन्होंने बिल्कुल नए मुद्दे उठाए। जवाब के बाद मुझे कोई मौका नहीं दिया गया।’
क्या कहा था राउज एवेन्यू कोर्ट ने-
राऊज एवेन्यू कोर्ट ने केजरीवाल को जमानत देते हुए फैसले में कहा, ‘ED साबित नहीं कर पाई है कि विजय नायर अरविंद केजरीवाल के इशारे पर काम कर रहा था। ED यह नहीं बता पा रही कि मनी ट्रेल की जांच के लिए और कितना समय चाहिए। ED के पास केजरीवाल के खिलाफ आगे बढ़ने के लिए सबूत पर्याप्त नहीं हैं और उसे किसी भी तरह से हासिल करने में समय लग रहा है। ED केजरीवाल द्वारा उठाए गए कुछ मुद्दों पर चुप है, जैसे कि उनका नाम न तो सीबीआई मामले में और न ही ईसीआईआर एफआईआर में था। ED अरविंद केजरीवाल के खिलाफ पूर्वाग्रह से काम कर रही है, अपराध की आय पर कोई प्रत्यक्ष सबूत नहीं है। यदि किसी अभियुक्त को अपनी बेगुनाही का एहसास होने तक सिस्टम के अत्याचारों को सहना पड़ा है, तो वह कभी भी यह कल्पना नहीं कर पाएगा कि “न्याय” वास्तव में उसके पक्ष में किया गया है।’