एनपी न्यूज़ डेस्क | Navpravah.com
भीमा-कोरेगांव में हिंसा फैलने के बाद पुणे पुलिस ने गुजरात से निर्दलीय विधायक जिग्नेश मेवाणी और जेएनयू के छात्र नेता उमर खालिद के खिलाफ भड़काऊ भाषण देने के आरोप में एफआईआर दर्ज की थी। जिसके बाद दलित नेता जिग्नेश मेवाणी ने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि केंद्र सरकार मुझे टारगेट करना बंद करे।
ऊना कांड और गुजरात चुनाव से दुनिया के नजरों में आनेवाले दलित नेता जिग्नेश मेवाणी ने कहा कि भीमा-कोरेगांव हिंसा में उनकी कोई भूमिका नहीं है और इसके बावजूद मुझे टारगेट बनाया जा रहा है। उन्होंने आगे कहा कि ऐसा इसलिए किया जा रहा है, क्योंकि भारतीय जनता पार्टी गुजरात में कम सीटें मिलने से बौखला गई है। जिग्नेश ने सफाई देते हुए कहा कि उनका भाषण भड़काऊ नहीं था और ना ही वे भीमा-कोरेगांव गए थे।
गौरतलब है कि जिग्नेश मेवाणी का एक वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है। जहाँ उनके वीडियो को लोग शेयर करते हुए लिख रहे हैं कि जिग्नेश मेवाणी ने भीमा-कोरेगांव युद्ध की 200वीं वर्षगांठ पर भड़काऊ भाषण किया। एक समाज के लोगों को दूसरे समाज के लोगों के प्रति उनकी भावनाएं भड़काई और लोगों को सड़क पर उतरकर प्रदर्शन करने के लिए उकसाया था। जिसके बाद ही पूरा राज्य जातीय हिंसा में जल गया था। बता दें कि जातीय हिंसा के दौरान काफी सरकारी वाहनों को निशाना बनाया गया और इनमें आगजनी और तोड़फोड़ की गई थी।