एनपी न्यूज़ डेस्क | Navpravah.com
भीम आर्मी के संस्थापक चंद्रशेखर आजाद ने कहा है, कि उन्हें ‘रावण’ नाम से नहीं पुकारा जाए, चंद्रशेखर ने कहा कि, जो कोई भी मुझे रावण कहेगा तो मैं उनके खिलाफ कोर्ट में केस करूंगा।
उन्होंने कहा कि, रावण ब्राह्मण थे और चंद्रशेखर आजाद भी ब्राह्मण थे, इसके बाद भी मीडिया के कुछ लोगों ने मुझे रावण बनाकर पेश करना शुरू कर दिया है, उन्होंने कहा कि ‘रावण’ नाम के साथ उनकी निगेटिव छवि बनाई जा रही है, जो सरासर गलत है।
चंद्रशेखर ने कहा कि एससी/एसटी एक्ट के रूप में दलितों को हथियार मिला हुआ है, कुछ लोग इस खत्म करना चाह रहे हैं, यह सोची समझी साजिश के तहत हो रहा है, भीम आर्मी के संस्थापक चंद्रशेखर पिछले सप्ताह ही जेल से रिहा होकर आए हैं।
भीम आर्मी के मीडिया प्रभारी अजय गौतम ने बताया कि, जब से चन्द्रशेखर आजाद जिला कारागार से अपने निवास छुटमलपुर पहुचे हैं तभी से मीडिया और कार्यकर्ताओं से जिस कारण चंद्रशेखर को चक्कर आ गया, गौतम ने बताया कि चिकित्सकों ने चन्द्रशेखर आजाद को पूरी तरह आराम करने की सलाह दी है।
जेल से रिहा होने के बाद चंद्रशेखर ने कहा था कि, मायावती उनकी बुआ समान हैं, वह मायावती को ही अपना नेता मानते हैं, युवा दलित नेता ने कहा था कि मायावती के कुछ सिपहसालारों ने उन्हें गलत सूचना देकर मेरे खिलाफ भड़का दिया था, लेकिन अब सारी गलतफहमी दूर हो गई है।
मई 2017 में सहारनपुर जिले के शब्बीरपुर में हुई जातीय हिंसा के मामले में गिरफ्तार किये गये ‘भीम आर्मी‘ के संस्थापक चंद्रशेखर को 14 सितम्बर को रिहा किया गया था, रिहाई के बाद उन्होंने कहा था कि मायावती उनकी बुआ हैं और उनका उनसे कोई विरोध नहीं है।