मध्यप्रदेश कांग्रेस के दिग्गज नेता एवं पूर्व विधानसभा अध्यक्ष श्रीनिवास तिवारी का शुक्रवार शाम में निधन हो गया। वे कई दिनों से बीमार चल रहे थे और उन्हें दिल्ली के एस्कॉर्ट अस्पताल में भर्ती किया गया था। 93 वर्ष के श्रीनिवास तिवारी के स्वास्थ्य को लेकर कई लोग कामना कर रहे थे, लेकिन शुक्रवार को उनका निधन हो गया। निधन की खबर के बाद से पूरे विंध्य क्षेत्र में मातम पसरा हुआ है।
वे कई दिनों से अस्पताल में भर्ती थे, जहाँ पिछले तीन दिनों से उनके स्वास्थ्य में सुधार दिखाई दिया था, लेकिन शुक्रवार सुबह से स्वास्थ्य में गिरावट आने लगी और उन्होंने शुक्रवार शाम करीब 4 बजे अंतिम सांसें ली। मध्य प्रदेश में सफेद शेर के नाम से पहचाने जाने वाले श्रीनिवास तिवारी को पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह अपना गुरू मानते हैं, और पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल गौर अपना घनिष्ट मित्र मानते हुए मुलाकात पर उनके पैर छूने से नहीं हिचकते थे।
80 और 90 के दशक में विंध्य की राजनीति सफेद शेर के नाम से मशहूर श्रीनिवास तिवारी के इर्द-गिर्द घूमती थी। उनकी पहचान प्रदेश में एक दिग्गज नेता के रूप में होती थी। श्रीनिवास तिवारी का जन्म ननिहाल मे ग्राम शाहपुर जिला रीवा में 17 सितम्बर 1926 को हुआ था। इनकी प्रारंभिक शिक्षा गृह ग्राम तिवनी मनगंवा और मार्तण्ड स्कूल रीवा मे हुई, इन्होने एम.ए., एल.एल.बी., टी.आर.एस. कालेज रीवा से उच्च शिक्षा प्राप्त की थी।
श्रीनिवास तिवारी छात्र जीवन से ही स्वतंत्रता आंदोलन में भागीदारी, सामंतवाद के विरोध में कार्य सक्रिय रहे। यहीं से इन्होने राजनीति में कदम रखा और 1952 मे सबसे कम उम्र के विधायक बनने का गौरव भी श्रीनिवास ने हासिल किया था।